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केजरीवाल के साथ बैजल करते हैं चपरासियों जैसा बर्ताव, संसद में उठा मुद्दा

समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा है और लेफ्टिनेंट गवर्नर 'दिल्ली के सीएम से चपरासियों जैसा व्यवहार करते हैं।'

Updated on: 29 Dec 2017, 12:38 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच शक्तियों को लेकर चल रहे संघर्ष का मुद्दा गुरुवार को संसद में भी उठा। समाजवादी पार्टी ने कहा कि एल जी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ चपरासियों जैसा व्यवहार करते हैं।

गुरुवार को दिल्ली से संबंधित एक बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में मैजेंटा लाइन के उद्घाटन में अरविंद केजरीवाल के न बुलाए जाने का मुद्दा भी उठा। इसके साथ ही एलजी अनिल बैजल और अरविंद केजरीवाल के बीच होने वाली खींचतान का मुद्दा भी उठाया।

राज्यसभा में दिल्ली के अवैध कॉलोनियों को रेग्युलेट करने संबंधी बिल पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा है और लेफ्टिनेंट गवर्नर 'दिल्ली के सीएम से चपरासियों जैसा व्यवहार करते हैं।'

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को जनता ने चुना है और उसे काम करने का अधिकार है। उन्होंने सवाल किया कि बीजेपी राष्ट्रीय राजधानी को मॉडल सिटी क्यों नहीं बना रही जैसा कि बनारस को बनाया जा रहा है।

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राज्यसभा के उप सभापति पी जे कुरियन ने शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से इस मसले को सुलझाने के लिये कहा।

उन्होंने कहा, 'मेरे पास एक सुझाव है आप के लिये। लेफ्टिनेंट गवर्नर और मुख्यमंत्री के बीच की खींचतान को खत्म करने के लिये आप कुछ करें।'

कुरियन के इस सुझाव पर हरदीप सिंह पुरी ने उसे स्वीकार करते हुए कहा कि ये उनके लिये बड़ी चुनौती होगी। साथ ही कहा कि चालीस साल के जीवन में उन्होंने आतंकियों से भी चर्चा की है लेकिन ये उससे बड़ी चोनौती साबित होगी।

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उन्होंने कहा, 'पिछले 40 साल लोगों के बीच काम करते हुए मैनें कई चुनौतियों का सामना किया। यहां तक कि आतंकियों आदि से भी बातचीत की है। ये वाला काफी मुश्किल होगा लेकिन मैं आपकी इस चुनौती को स्वीकार करता हूं और बातचीत करूंगा.... मैं दोनों को लंच पर निमंत्रित करूंगा और इसे सुलझाने की कोशिश करूंगा।'

सभी विपक्षी दलों ने एलजी और दिल्ली सरकार के बीच खींचतान को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि इस तरह से एक चुनी हुई सरकार को परेशान नहीं किया जाना चाहिये। साथ ही सबने सुझाव दिया कि इस खींचतान को खत्म करने की कोशिश की जानी चाहिये।

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