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9/11 हमला फ्लैशबैक: जानें क्या हुआ था जब कांप गई थी दुनिया, इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला

11 सितंबर 2001 इतिहास का वो काला दिन था जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हुई।

Updated on: 11 Sep 2017, 02:18 PM

नई दिल्ली:

11 सितंबर 2001 इतिहास का वो काला दिन था जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हुई। इस हमले में करीब 3000 लोगों की मौतें हुईं थी जिसके बाद अफगानिस्तान और इराक में जो युद्द लड़े गए उनमें लाखों लोगों की मौत के साथ कई पीढ़ियों को भी तबाह कर दिया।

इस हमले के बाद दुनिया में इस्लामोफोबिया ने माहौल ख़राब किया तो अमेरिका से लड़ने के नाम पर अल कायदा के बाद ISIS जैसे कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन खड़े हो गए। लीबिया तक सीमित जंग आज सीरिया से होते हुये पूरे यूरोप में पहुंच गई है जिससे आस-पास के सभी देशों में लगातार गृह युद्ध की स्थिति बनी हुई है।

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आखिर क्या हुआ था उस दिन?

  • 9/11 हमले की आज 16वीं बरसी है। आज ही के दिन आतंकी संगठन अल कायदा के 19 आतंकियों ने अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और पेन्सिलवेनिया में दुनिया के सबसे बड़े और प्रभावी आतंकी हमले को अंजाम दिया था।
  • आतंकियों ने चार पैसेंजर एयरक्राफ्ट हाईजैक किए थे जिनमें से तीन प्लेन सही निशाने पर लगे जबकि चौथा प्लेन पेन्सिलवेनिया में क्रैश हो गया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस हमले में 2983 लोगों की मौत हुई थी।
  • आतंकियों ने दो यात्री विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर टावर में भिड़ा दिए थे। अमेरिकन एयरलाइन्स फ्लाइट 11 में चढ़े आतंकी मोहम्मद अटा ने साथियों के साथ प्लेन को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टावर के 93-99 फ्लोर और यूनाइटेड एयरलाइन्स फ्लाइट 175 को साउथ टावर के 75-85 फ्लोर से क्रैश कर दिया था। इस क्रेश में सारे पैसेंजर्स तो मारे ही गए, बिल्डिंग में भी सैकड़ों लोगों की मौत हो गई।

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  • तीसरे विमान फ्लाइट 77 को आतंकियों ने वॉशिंगटन डीसी में पेंटागन के वेस्टर्न हिस्से पर हमला किया। इस हमले में 59 पैसेंजर्स के साथ-साथ 125 मिलिट्री और 400 पुलिस अफसरों की मौत हुई थी।
  • इस हमले में मरने वालों में 57 देशों के लोग शामिल थे।

हमले के पीछे अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ था। हमले का बदला लेते हुए अमेरिका ने 2 मई, 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा को मार गिराया था। अमेरिका सहित पूरी दुनिया को झकझोर देने वाले इस हमले के बाद अमेरिका ने अपनी सुरक्षा नीतियों में कड़े बदलाव किए।

अमेरिका में अब वो माहौल नहीं रहा जो 9/11 के तुरंत बाद था। दो जंगे जो इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में बग़ैर किसी वजह की लड़ी गई उससे अमरीका को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।

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