6 जून को मंदसौर में किसानों को संबोधित करेंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी मध्यप्रदेश के मंदसौर में छह जून को किसानों की रैली को संबोधित करेंगे। पिछले वर्ष छह जून को पुलिस की गोलीबारी में सात किसानों की मौत हो गई थी।
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश के मंदसौर में छह जून को किसानों की रैली को संबोधित करेंगे। पिछले साल छह जून को पुलिस की गोलीबारी में सात किसानों की मौत हो गई थी।
राहुल ने एक जून से 10 जून तक देशभर में आंदोलनरत किसानों के प्रति शनिवार को अपना समर्थन जताया है।
शुक्रवार को शुरू हुए किसानों के 10 दिवसीय आंदोलन के एक दिन बाद राहुल ने ट्वीट किया कि वह देश में किसानों की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए छह जून को मंदसौर में एक रैली को संबोधित करेंगे।
राहुल ने कहा, 'हमारे देश में रोज करीब 35 किसान आत्महत्या करते हैं। खेती की समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए किसान 10 दिनों तक आंदोलन के लिए मजबूर हुए हैं।'
उन्होंने कहा, 'अपने अन्नदाता के अधिकारों की लड़ाई को समर्थन देने के लिए, मैं छह जून को मंदसौर में किसानों की रैली को संबोधित करूंगा।'
विभिन्न राज्यों में विभिन्न किसान संगठनों द्वारा 10 दिवसीय आंदोलन का आह्वान किए जाने पर कृषि प्रधान राज्यों पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के किसानों ने विरोध प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जिसके एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष का यह बयान आया है। विरोध स्वरूप किसानों ने दूध, फल-सब्जियां सड़कों पर फेंक दिए हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने बयान में कहा, 'भारत के किसानों की 62 प्रतिशत आबादी द्वारा उठाए गए मुद्दे के प्रति मोदी सरकार के असंवेदनशील, उदासीन रवैये की वजह से हमारे अन्नदाताओं ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन में हिस्सा लिया है।'
उन्होंने कहा, 'किसानों द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन सीधे नरेंद्र मोदी सरकार की 'किसान विरोधी' नीतियों का नतीजा है।'
और पढ़ें: मध्य प्रदेश में कर्ज के बोझ तले दबकर एक और किसान ने की खुदकुशी
उन्होंने कहा, 'मंदसौर गोलीकांड एक प्रतीक है, लेकिन पूरे भारत के किसान व्यापक ग्रामीण ऋण, गैर-लाभकारी कीमत और मोदी सरकार की उदासीनता के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।'
उन्होंने मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार पर हताशा में विरोध प्रदर्शनों को दबाने का आरोप लगाया।
सुरजेवाला ने कहा, 'राज्य सरकार ने प्रदर्शन से पहले किसानों को 'पीस बांड' भरने के लिए मजबूर किया। अब मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रदर्शन से निपटने के लिए खासतौर से 17,000 नई लाठियां खरीदी हैं।'
उन्होंने कहा, 'किसानों ने घोषणा की है कि वे शहरों की मंडियों में अपने उत्पादों को नहीं बेचेंगे। किसान प्रधानमंत्री मोदी के उस वादे को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें उन्होंनें स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट लागू करने की बात कही थी, जिसमें लागत में 50 प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण की सिफारिश की गई है। किसान पूर्ण कर्जमाफी की भी मांग कर रहे हैं।'
और पढ़ें: कई राज्यों में किसानों का प्रदर्शन, सड़कों पर फेंकी गई सब्जियां
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