इंटरनेशनल कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगाई रोक, पाकिस्तान को देना होगा काउंसलर एक्सेस
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक उन्हें फांसी नहीं दी जानी चाहिए।
highlights
- अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है
- अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक उन्हें फांसी नहीं दी जानी चाहिए
- कुलभूषण जाधव को 40 दिनों के भीतर इसके खिलाफ अपील का अधिकार मिला हुआ है
New Delhi:
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक उन्हें फांसी नहीं दी जानी चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने पाकिस्तान को काउंसलर एक्सेस दिए जाने का आदेश दिया है।
पाकिस्तान की मिलिट्री अदालत की तरफ से फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद जाधव को 40 दिनों के भीतर इसके खिलाफ अपील का अधिकार मिला हुआ है।
फैसला सुनाते हुए इंटरनेशल कोर्ट के जस्टिस रोनी अब्राहम ने कहा कि कहा कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा दोनों देशों के बीच विवाद का मुद्दा है। भारत जहां जाधव को अपना नागरिक मानता है वहीं पाकिस्तान ने उसे भारत का जासूस मानता रहा है।
कोर्ट ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से लगातार काउंसल एक्सेस दिए जाने की मांग की, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मामले में कोर्ट के एकाधिकार को चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि उसे इम मामले को सुनने का अधिकार है और वियना संधि के तहत जाधव को काउंसलर एक्सेस दिया जाना चाहिए। भारत और पाकिस्तान दोनों ही वियना संधि के भागीदार हैं। कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान का दावा कुलभूषण जाधव को जासूस साबित नहीं करता है।
और पढ़ें: कुलभूषण जाधव: पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट में दिया 'विरोधाभासी' बयान
भारत ने वियना संधि के उल्लंघन का हवाला देते हुए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीआईजे) ने रोक लगा दी थी।
हालांकि पाकिस्तान ने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट को अपनी हद में रहने की चेतावनी देते हुए सजा को नहीं मानने की धमकी दी थी। इसके बाद धानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय को कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव के मामले में अंतर्राष्ट्रीय अदालत में सोमवार को पाकिस्तान का पक्ष रखने की रणनीति के बारे में एटॉर्नी जनरल ने सिफारिशें भेज दी थी।
अटार्नी जनरल अश्तार औसफ ने शुक्रवार को कहा, 'हमने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय को अपनी सिफारिशें भेज दी हैं।' औसफ ने कहा कि पाकिस्तान अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को सशक्त तरीके से खारिज करते हुए अपना मजबूत जवाब देगा और कश्मीर में भारत के अत्याचारों का मुद्दा भी उठाएगा।
इंटरनेशनल कोर्ट में कुलभूषण जाधव के मामले की पैरवी वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे कर रहे हैं।
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के आरोप में भारतीय नागरिक और नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई थी। जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान को गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी देते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, 'मैंने कुलभूषण जाधव की मां से बात की और उन्हें कोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी दे दी है।'
और पढ़ें: जाधव को फांसी देने की जल्दबाजी नहीं, पाक ने ICJ में कहा- मामले को किया जाए रद्द
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