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नरोदा पटिया पीडित ने कहा- बरी किये गए निर्दोष, तो क्या हमने अपने बच्चों को मारा

गुजरात के नरोदा पटिया मामले में 17 दोषियों को बरी किये जाने पर परिवार वालों ने पीड़ित ने नाराज़गी जाहिर की है।

Updated on: 20 Apr 2018, 11:43 PM

नई दिल्ली:

गुजरात के नरोदा पटिया मामले में 17 दोषियों को बरी किये जाने पर परिवार वालों ने पीड़ित ने नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर बरी किये गए लोग निर्दोष हैं तो क्या उन बच्चों को हमने मारा है।

नरोदा पटिया में 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान 97 मुस्लिमों की हत्या हुई थी।

नाराज़ परिवार ने कहा कि उसकी आंखों के सामने उसके परिवार के 8 सदस्यो की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा, 'हमारे परिवार के आठ सदस्यों की हत्या हमारे आंखों के सामने कर दी गई थी। अगर वो निर्दोष हैं तो क्या हमने अपने बच्चों की हत्या की? माया कोडनानी को बरी कर दिया गया है, दो साल बाद बाबू बजरंगी को भी रिहा कर दिया जाएगा।'

गुजरात हाई कोर्ट ने बीजेपी की मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया है। हालांकि इसी मामले में एक दूसरे आरोपी बाबू बजरंगी ने भी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बजरंगी को आजीवन कारावास की सजा मिली थी।

गुजरात हाई कोर्ट ने 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया।

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हाई कोर्ट ने कहा कि हिंसा के वक्त घटनास्थल पर माया कोडनानी मौजूद नहीं थीं। 'संदेह की लाभ' की वजह से उन्हें निर्दोष करार दे दिया गया।

गुजरात हाई कोर्ट की जस्टिस हर्षा देवानी और जस्टिस ए एस सुपेहिया की डिविजन बेंच ने मामले पर फैसला सुनाया। बेंच ने कहा कि कोडनानी के खिलाफ दोष साबित साबित नहीं हो पाए हैं।

दंगों के 32 दोषियों में से गुजरात हाई कोर्ट ने माया कोडनानी समेत 17 लोगों को मामले से बरी कर दिया, 12 दोषियों की सजा बरकरार रखा गया, दो पर फैसला आना बांकी है वहीं एक की मौत हो चुकी है।

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