SC ने खारिज की कुमारस्वामी के खिलाफ हिंदू महासभा की याचिका, कल होना है शपथ ग्रहण समारोह
बीजेपी के सरकार बनाए जाने के दावे को चुनौती दिए जाने के बाद अब हिंदू महासभा ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एच डी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त किए जाने और उनके होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को चुनौती दी है।
highlights
- कर्नाटक में सरकार गठन को लेकर सियासी अड़चनें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है
- हिंदू महासभा ने कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है
नई दिल्ली:
कर्नाटक में सरकार गठन को लेकर सियासी अड़चनें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के सरकार बनाए जाने के दावे को चुनौती दिए जाने के बाद अब हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एच डी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त किए जाने और उनके शपथ ग्रहण समारोह को चुनौती दी है।
महासभा ने कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह को असंवैधानिक बताते हुए देश की सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की है।
कर्नाटक विधानसभा की 222 सीटों के लिए हुए चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था।
नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी और उसे राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता देते हुए बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया।
कांग्रेस ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने पार्टी को एक दिन के भीतर बहुमत साबित करने का आदेश दिया।
हालांकि विधायकों की जरूरी संख्या नहीं होने की वजह से सदन में बहुमत साबित करने से पहले ही मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
वहीं चुनाव बाद कांग्रेस ने जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को समर्थन देने का ऐलान करते हुए पार्टी को मुख्यमंत्री पद की पेशकश की। दोनों दलों के पास क्रमश: 78 और 37 विधायक हैं, जो कि सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत 112 से अधिक है।
कुमारस्वामी 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं और गठबंधन सरकार को लेकर दोनों दलों के बीच सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई है।
हालांकि मंत्रिमंडल गठन और विभागों के बंटवारे को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। माना जा रहा है कि बेंगलुरू में आज होने वाली दोनों दलों की संयुक्त बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा।
येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन पर हमलावर है।
पार्टी के नैशनल प्रेसिडेंट अमित शाह ने कर्नाटक में बीजेपी के सरका बनाने के दावे का बचाव करते हुए कहा कि कर्नाटक विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बाद यह उनकी पार्टी की जिम्मेदारी थी कि वह सरकार बनाने का दावा करे और इसमें कुछ भी अलोकतांत्रिक और अनैतिक नहीं था।
शाह ने कहा की अगर कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने पांच सितारा होटलों में अपने विधायकों को बंद नहीं किया हुआ होता और उन्हें लोगों से बात करने की इजाजत दी होती तो जेडीएस का समर्थन बीजेपी को मिलता।
शाह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। जनादेश पार्टी के पक्ष में था। कांग्रेस और जेडीएस ने जनता के जनादेश के खिलाफ गठबंधन बनाया है। इसे ही मैं एक अपवित्र गठबंधन कहता हूं।'
और पढ़ें: कर्नाटक: फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस-JDS विधायकों की संयुक्त बैठक
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