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'पार्ट टाइम पॉलिटिक्स' और 'शुतुरमुर्गी रुख', किसकी तरफ इशारा कर रहे हैं तेजस्वी यादव!

बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को नीतीश कुमार के समर्थन दिए जाने के बाद महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। कोविंद को समर्थन का ऐलान करने के बाद महागठबंधन में रार की अटकलें लगाई जा रही थी, जो अब खुलकर सामने आ गई है।

Updated on: 26 Jun 2017, 08:23 PM

highlights

  • बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के 'दिल की बात' पर गरमाई बिहार की सियासत
  • कोविंद को समर्थन का ऐलान करने के बाद महागठबंधन में मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं

New Delhi:

बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को नीतीश कुमार के समर्थन दिए जाने के बाद महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। कोविंद को समर्थन का ऐलान करने के बाद महागठबंधन में रार की अटकलें लगाई जा रही थी, जो अब खुलकर सामने आ गई है।

बिहार के उप-मुख्यमंत्री और लालू के बेटे तेजस्वी यादव फेसबुक पर लिखे जाने वाले 'दिल की बात' में ऐसा कुछ कह गए हैं, जिसे महागठबंधन की राजनीति के लिहाज से ठीक नहीं कहा जा सकता।

तेजस्वी ने लिखा है कि मौजूदा हालात में देश में विपक्षी दल भ्रम की स्थिति में है और भ्रामक व्यवहार, सरकारी तंत्र के डर और गलत प्राथमिकताओं के कारण वह बिखरा हुआ है। ऐसे समय में जब सभी विपक्षी दलों को एक दूसरे का हाथ पकड़ कर हताशा और संकट से जूझ रहे लोगों और समुदायों के साथ खड़ा होना जरूरी है तब कुछ लोगों ने 'शुतुरमुर्गी' रवैया अख्तियार कर लिया।

उन्होंने कहा, 'इतिहास इस बात का साक्षी होगा कि जब लोगों को प्रगतिशील और सामाजिक न्याय की धारा के इर्दगिर्द मजबूत करने की जरूरत थी तो हम शुतुरमुर्ग हो गए।'

गौरतलब है कि बीजेपी उम्मीदवार कोविंद को समर्थन दिए जाने के बाद कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है।

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विपक्ष की इस बैठक के बाद लालू प्रसाद ने कहा था कि वह मीरा कुमार को समर्थन देने के लिए नीतीश कुमार को मनाएंगे और उन्हें 'ऐतिहासिक भूल' नहीं करने की सलाह देंगे। हालांकि नीतीश नहीं माने और उन्होंने साफ कर दिया कि कोविंद को दिया गया जनता दल यूनाइटेड का समर्थन अब वापस नहीं होगा।

तेजस्वी ने लिखा है, 'विपक्षी पार्टियों को यह भी महसूस करना होगा कि राजनीति एक अंशकालिक उद्यम नहीं हो सकती। आप शाम में दो घंटे खेलें और बाकी समय विश्राम करें।'

अहम माने जाने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी अपनी नानी से मिलने इटली जा चुके हैं। जब विपक्ष रामनाथ कोविंद के खिलाफ साझा उम्मीदवार के बहाने एकजुटता की रणनीति बनाने में लगा हुआ था, तब राहुल गांधी विदेश में छुट्टियां मना रहे थे।

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तेजस्वी ने अपने 'दिल की बात' में तात्कालिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सरकार बनाने या बिगाड़ने का भी जिक्र किया है।

उन्होंने लिखा है, 'हम सभी को हमारे महान देश और इसके संवैधानिक मूल्य, समतावादी सोच और धर्मनिरपेक्ष स्वरुप को बचाने के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति बनानी होगी। हममें से अधिकांश दलों को यह सोचना होगा कि अवसरवादी व्यवहार या राजनीतिक जोड़-तोड़ के साथ हम कुछ तात्कालिक लक्ष्य हासिल सकते हैं, सरकार बना या बिगाड़ सकते हैं, लेकिन लोकोन्मुख राजनीती की चादर बड़ी होनी चाहिए।'

कोविंद की उम्मीदवारी पर कांग्रेस और आरजेडी से इतर रुख लेने के बाद एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए उन्हें एनडीए में शामिल होने का न्यौता देने में देर नहीं की। उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार के एनडीए में आने से बिहार का भला ही होगा।'

प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी के फैसले का समर्थन किए जाने और बेनामी संपत्ति मामले में लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई के अलावा ऐसे कई मौके आए हैं, जब नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने और महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने की अटकलें जोर मारती रही है।

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