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निर्भया गैंगरेप: मौत की सजा काट रहे दो दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका

निर्भया गैंगरेप मामले में चार दोषियों में से दो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। कोर्ट ने इन आरोपियों को मिली मौत की सज़ा को बरकरार रखा था, जिसके लिये इन्होंने पुनर्विचार याचिका दायर की है।

Updated on: 15 Dec 2017, 10:12 PM

नई दिल्ली:

निर्भया गैंगरेप मामले में चार दोषियों में से दो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। कोर्ट ने इन आरोपियों को मिली मौत की सज़ा को बरकरार रखा था, जिसके लिये इन्होंने पुनर्विचार याचिका दायर की है।

मौत की सजा पर एक अन्य दोषी मुकेश की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका पर 12 दिसंबर को सुनवाई पूरी किये जाने के बाद दो दोषी विनय शर्मा और पवन कुमार गुप्ता ने पुनर्विचार याचिका दायर की है।

दक्षिणी दिल्ली में 16 और 17 दिसंबर 2012 की रात को पैरामेडिक की छात्रा के साथ चलती बस में गैंगरेप किया गया था। इसमें 6 लोग शामिल थे और पीड़िता के साथ निर्ममता बरती गई थी और उसे ठंड में निर्वस्त्र ही बस से बाहर फेंक दिया गया था।

पीड़िता का 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिज़ाबेथ हासेपिटल में मौत हो गई थी।

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दोनों दोषियों की तरफ से उनके वकील ए पी सिंह ने पुनर्विचार याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि दोषियों को दी गई मौत की सज़ा नृशंस मानव हत्या है जो न्याय के नाम पर सरकार करती है।

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में जांच न सिर्फ दोषपूर्ण है बल्कि ठोस तथ्यों पर आधारित न होने के कारण विश्वास करने योग्य भी नहीं है। क्योंकि ये पीड़िता के मरते वक्त दर्ज किये गए बयान पर आधारित है।

सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को एक अन्य दोषी अक्षय सिंह के वकील को पुनर्विचार याचिका दायर करने की अनुमति दे दी थी। जिसकी सुनवाई 11 जनवरी को होगी।

कोर्ट ने 5 मई को दोषी मुकेश, पवन, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह की मौत की सज़ा को बरकरार रखा था। कोर्ट ने गैंगरेप को नृशंस, बर्बर और पाशविक कृत्य करार देते हुए कहा था कि इस तरह की घटना 'दहशत की सुनामी' ला सकता है और समाज का विनाश कर सकता है।

इस मामले में एक और अभियुक्त राम सिंह न तिहाड़ जेल में आत्म हत्या कर ली थी।

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