मध्य प्रदेश: भारत बंद के दौरान पत्थरबाजी के आरोप में 50 लोग गिरफ्तार, कर्फ्यू जारी
एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोमवार को हुए भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के मुरैना में पुलिस बलों पर पत्थरबाजी करने के आरोप में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
highlights
- हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं एमपी में हुई, जहां कुल 8 लोग मारे गए
- पुलिस बलों पर पत्थरबाजी करने के आरोप में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है
- मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भिंड और मुरैना में अब तक कर्फ्यू जारी है
नई दिल्ली:
एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोमवार को हुए भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के मुरैना में पुलिस बलों पर पत्थरबाजी करने के आरोप में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई थीं, जहां कुल 8 लोग मारे गए थे।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भिंड और मुरैना में अब तक कर्फ्यू जारी है। बुधवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दो घंटे के लिए कर्फ्यू को हटाया जाएगा।
वहीं आंदोलन में हुई हिंसा के दो दिनों के बाद ग्वालियर में इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया है, जबकि भिंड और मुरैना में इंटरनेट अब भी स्थगित रहेगा। भिंड जिले के मेहगांव, गोहद और मच्छंद में हथियारों के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद बुलाया था। यह बंद देश के कई राज्यों में हिंसक उपद्रव में तब्दील हो गया, जिसमें अभी तक कुल 11 लोग मारे जा चुके हैं।
सबसे अधिक मध्य प्रदेश में 8 लोगों की जबकि उत्तर प्रदेश में 2 लोग मारे गए। वहीं राजस्थान में भी एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई है।
मंगलवार को केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बरकरार रखा और 10 दिनों के बाद सुनवाई फिर की जाएगी। कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षकारों को 3 दिन के भीतर विस्तृत जवाब मांगा है।
पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ नहीं हैं लेकिन इस एक्ट की वजह से किसी बेगुनाह को सजा भी नहीं होनी चाहिए।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एससी/एसटी ऐक्ट में तत्काल गिरफ्तारी न किए जाने का आदेश दिया था। इसके अलावा एससी/एसटी ऐक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दी थी।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए जांच के बाद ही गिरफ्तारी का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि मामले की जांच डीएसपी रैंक के बराबर या उससे ऊपर के अधिकारी को ही करनी होगी।
और पढ़ें: दलित आंदोलन के बाद डिफेंसिव BJP, राजनाथ के बाद अमित शाह की सफाई
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी