वाजपेयी एक ऐसा नेता जिन्होंने 34 पार्टियों की मदद से पहली बार चलाई पांच साल NDA सरकार
पूर्व पीएम वाजपेयी अब तक देश के पहले ऐसे गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है।
नई दिल्ली:
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है और पूरे देश में उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थनाओं और दुआओं का दौरा जारी है। पूर्व पीएम वाजपेयी अब तक देश के पहले ऐसे गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है। साल 1996 में सिर्फ 13 दिन प्रधानमंत्री रहने के बाद कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए वाजपेयी के नेतृत्व में साल 1998 में बीजेपी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का गठन किया। जिस वक्त यह गठबंधन बना था उस वक्त देश की छोटी-बड़ी कुल 34 राजनीतिक पार्टियां इसमें शामिल थी।
इस गठबंधन में मुख्य तौर पर शिव सेना, लोक जनशक्ति पार्टी, एआईएडीएमके, बीजू जनता दल, अकाली दल, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी, अपना दल, नागा पीपुल्स फ्रंट, नेशनल पीपुल्स पार्टी, स्वाभीमानी पक्ष, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड स्टूडेंट यूनियन, गोरखा जन मुक्ति मोर्चा जैसे कई पार्टियां शामिल थी।
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इन राजनीतिक दलों के सहयोग से बीजेपी ने साल 1999 का लोकसभा चुनाव जीता और अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। 13 दिन और 13 महीनों के बाद पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था।
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करीब 35 पार्टियों के समर्थन से सरकार चलाने का अटल बिहारी वाजपेयी ने रिकॉर्ड बनाया था और उनके नेतृत्व क्षमता की तमाम दूसरी पार्टियां इस कदर कायल थी की गठबंधन में किसी बात पर मतभेद होने पर वह तुरंत उस समस्या को सुलझा देते थे।
अटल बिहारी वाजपेयी सहयोगी दलों की हर समस्या को बड़ी शांति से सुनते थे और बिना किसी को नाराज किए किसी भी समस्या का कोई न कोई हल जरूर निकाल देते थे।
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आज के राजनीतिक दौर में जब पार्टी के अंदर ही कई मतभेद होते हैं ऐसे में 35 अलग-अलग पार्टियों के साथ सरकार चलाना और सभी नेताओं को अपने पक्ष में बनाए रखने जैसे चुनौतियों को उन्होंने बड़े आराम से स्वीकार किया था।
हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीति से दूर होने के बाद कई दलों ने एऩडीए का साथ छोड़ दिया और आज वो मोदी सरकार के खिलाफ ही ताल ठोक रहे हैं।
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