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क्यों सर्दियों की ठंड बनती है मौत की वजह.. जानें क्या है इसके पीछे का असली राज

सर्दियों में बड़े-बुजुर्गों की मौत ज्यादा होती इसके पीछे आखिर क्या लॉजिक है, क्या वाकई में सर्दियों में ज्यादा लोगों की मौत के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार है. चलिए समझते हैं...

Updated on: 04 Jan 2024, 07:27 PM

नई दिल्ली :

सर्दियों के दौरान बड़े-बुजुर्गों में मृत्यु दर तुलनात्मक रूप से अधिक होती है. इसका खुलासा एक हालिया सर्वे की रिपोर्ट में हुआ है. दरअसल, फिलहाल उत्तरी भारत पूरी तरह से हाड़ कंपा देने वाली सर्दी की चपेट में है, ऐसे में वृद्ध लोगों में विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं पेश आने लगी हैं, जो उनके लिए काफी घातक साबित हो रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि, सर्दियों में बड़े-बुजुर्गों की मौत ज्यादा होती इसके पीछे आखिर क्या लॉजिक है, क्या वाकई में सर्दियों में ज्यादा लोगों की मौत के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार है.. चलिए समझते हैं...

दरअसल, अगर इसे साइंटिफिक तौर पर समझें तो हमारे शरीर का अंदरुनी हिस्सा, जैसे किडनी, लिवर, हार्ट आदि हमेशा नियत तापमान पर संतुलित रहता है. भले ही बाहर का तापमान सर्द में हो, मगर शरीर खुद को भीतर से गर्म रखता है. 

दिल को सबसे ज्यादा खतरा...

बाहरी तापमान कम होने पर, शरीर अपने अंदरूनी हिस्सों को गर्म रखने के लिए इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को सक्रिय कर देता है. इसके लिए एड्रीनलीन ग्लैंड से तीन तरह के हार्मोन वाला कैटेकोलामाइन (Catecholamines) हार्मोन निकलता है, जो शरीर में उत्पन्न हुए स्ट्रेस से निपटने में मदद करता है. जहां एक ओर ये हार्मोन शरीर के अंदर उष्मा उत्पादन में इजाफा करते हैं, वहीं दूसरी ओर हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर और सांस लेने की दर को बढ़ा देते हैं, जिसके चलते हार्ट अटैक और स्ट्रोक की स्थिति पैदा होती है. 

इन अंगों को भी खतरा...

बाहरी तापमान कम होने के चलते, शरीर में खून के प्रवाह और एड्रीनलिन ग्लैंड से निकलने वाले हार्मोन के प्रवाह पर असर पड़ता है, जोकि कई मामलों में व्यक्ति की मौत के पीछे की मूल वजह साबित होती है. वहीं कई स्टडी में खुलासा हुआ है कि, सर्दियों के मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, जिससे फ्लू का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे लोग जिनमें सांस से संबंधित कोई परेशानी है, या उनकी क्षमता कम है, उनपर मौत का जोखिम कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है.