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Bargad Chal Benefits: इस पौधे की छाल है बीमारियों के लिए वरदान, जान लीजिए उपयोग का सही तरीका

Bargad Chal Benefits: यह एक प्राकृतिक औषधि होती है जो सामाजिक, सांस्कृतिक और चिकित्सा दृष्टि से महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, बरगद की छाल का उपयोग त्वचा के लिए भी किया जाता है, जिससे त्वचा की सुरक्षा और स्वस्थ रहती है

Updated on: 02 Mar 2024, 03:56 PM

नई दिल्ली:

Bargad Chal Benefits: बरगद की छाल पेड़ के तने की बाहरी कठोर परत होती है जो उसे सुरक्षित रखती है. यह परत पेड़ की सुरक्षा करती है और उसे बाहरी प्रभावों से बचाती है. बरगद की छाल में कई गुण होते हैं जो आयुर्वेद में औषधीय उपयोग के लिए उपयुक्त होते हैं. बरगद की छाल का उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है, जैसे कि मुख्यत: ज्वर, कफ, पेट दर्द, दस्त, और त्वचा संबंधी समस्याएं. इसके अलावा, बरगद की छाल को बाहरी रूप से भी उपयोग किया जाता है, जैसे कि रंग, तने, और अन्य कला कार्यों में. यह एक प्राकृतिक औषधि होती है जो सामाजिक, सांस्कृतिक और चिकित्सा दृष्टि से महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, बरगद की छाल का उपयोग त्वचा के लिए भी किया जाता है, जिससे त्वचा की सुरक्षा और स्वस्थ रहती है.

बरगद के छाल के काढ़े के फायदे: बरगद का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसकी छाल, पत्तियां, और दूध सभी का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है. बरगद की छाल का काढ़ा पीने के अनेक फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. मधुमेह नियंत्रण: बरगद की छाल में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. यह मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है.

2. पाचन क्रिया में सुधार: बरगद की छाल का काढ़ा पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है. यह अपच, एसिडिटी, और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है.

3. दस्त से बचाव: बरगद की छाल में एंटी-डायरियल गुण होते हैं जो दस्त से बचाव करते हैं. यह पेट को मजबूत बनाने में भी मदद करता है.

4. खांसी और जुकाम से राहत: बरगद की छाल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो खांसी और जुकाम से राहत देते हैं.

5. बुखार कम करना: बरगद की छाल का काढ़ा बुखार कम करने में मदद करता है.

6. घाव भरना: बरगद की छाल घावों को जल्दी भरने में मदद करती है.

7. मसूड़ों की समस्याएं: बरगद की छाल का काढ़ा मसूड़ों की सूजन और दर्द से राहत देता है.

8. मूत्र संबंधी समस्याएं: बरगद की छाल का काढ़ा मूत्र संबंधी समस्याओं जैसे कि पेशाब में जलन और बार-बार पेशाब आने से राहत देता है.

बरगद की छाल का काढ़ा बनाने की विधि:

10 ग्राम बरगद की छाल को 500 मिली पानी में डालकर उबालें.
जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर ठंडा होने दें.
इस काढ़े को दिन में दो बार पीएं.

बरगद की छाल का काढ़ा पीने से पहले सावधानियां:

गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बरगद की छाल का काढ़ा नहीं पीना चाहिए. अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो बरगद की छाल का काढ़ा पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लें. बरगद की छाल का काढ़ा एक प्राकृतिक उपचार है. यह किसी भी दवा का विकल्प नहीं है. यदि आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें. बरगद की छाल के काढ़े के अलावा, आप बरगद की छाल का चूर्ण भी बनाकर खा सकते हैं. बरगद की छाल का चूर्ण बनाने के लिए, बरगद की छाल को सुखाकर पीस लें. इस चूर्ण को 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार पानी के साथ ले सकते हैं.