Video Flashback: 'दामिनी' के दमदार डायलॉग्स ने बदली सनी देओल, मीनाक्षी शेषाद्रि की तकदीर
फिल्म में सनी देओल के डायलॉग 'तारीेख पे तारीख' काफी फेमस हुआ। इसके साथ ही सनी देओल को बॉलीवुड में 'एंग्री यंग मेन' छवि की फिल्में मिलना शुरू हो गईं।
नई दिल्ली:
डायरेक्टर राजकुमार संतोषी के निर्देशन में बनने वाली फिल्म 'दामिनी' 90 के दशक की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। वर्ष 1993 में आई इस फिल्म की कहानी को दिलीप शुक्ला ने लिखा है, जिसमें ऋषि कपूर, मीनाक्षी शेषाद्रि, सनी देओल, अमरीश पुरी और परेश रावल ने मुख्य भूमिका निभाई है।
'दामिनी' मीनाक्षी शेषाद्रि के लिए मील का पत्थर फिल्म साबित हुई। फिल्म में उनके दमदार अभिनय के लिए समीक्षकों से लेकर आलोचकों तक ने उन्हें सराहा। इसके साथ ही फिल्म में ऋषि कपूर और सनी देओल के काम की भी तारीफें हुईं।
फिल्म में सनी देओल के डायलॉग 'तारीेख पे तारीख' काफी फेमस हुआ। इसके साथ ही सनी देओल को बॉलीवुड में 'एंग्री यंग मेन' छवि की फिल्में मिलना शुरू हो गईं। आइए आपको 'दामिनी' के फ्लैशबेक में लेकर चलते हैं और फिल्म के कुछ फेमस डायलॉग से रूबरू करवाते हैं, जो आपके जहन में बसी फिल्म की यादों को एक बार फिर ताजा कर देगा।
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1. तारीख पे तारीख
कोर्ट रूम में अमरीश पुरी और सनी देओल का दामिनी के केस को लेकर अपनी-अपनी दलीलें देना और इस दौरान बोले गए डायलॉग आज भी लोगों की जुंबा पर चढ़कर बोलते हैं। ये डायलॉग कोर्ट में केस को लेकर मिल रही तारीख पे तारीख था। ऋषि कपूर के घर में काम करने वाली उर्मी का मर्डर हो जाने पर अमरीश पुरी जहां हत्यारों को बचाने का प्रयास करते नजर आए, वहीं सनी देओल गुस्से में कोर्ट रूम में कहना यहां तरीखे पे तरीख, तारीख पे तरीख मिलती रहती हैं मॉयलॉड, लेकिन इंसाफ कब मिलेगा।
2. जब ये ढाई किलो का हाथ है ना....
यह डायलॉग अमरीश पुरी और सनी देओल के बीच बेहद ही शानदार तरीके से फिल्माया गया है। डायलॉग की शुरुआत से पहले बारिश में इंद्रजीत चड्ढा उर्फ अमरीश पुरी का गाड़ी से सनी देओल के पास आना और सनी का स्टाइल से सिगरेट को जलाने का अंदाज और अमरीश पुरी का बाल झटकने का अंदाज उसके बाद संवाद बेहद ही दमदार तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इसके बाद अमरीश पुरी का सनी को कहना कि 'दामिनी' का केस रफा दफा करने पर सनी 'जब ये ढाई किलो का हाथ उठता है ना..' डायलॉग बोलते हैं तो उसे सुनने के बाद हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
3. न्याय के मंदिर में भी नहीं मिलता है इंसाफ
मीनाक्षी फिल्म में 'दामिनी' के किरदार में मानो खो सी गई हैं। इस डायलॉग में मीनाक्षी ने उर्मी के बलात्कार पर प्रेस, समाज और पुलिस सभी को दोषी बताते हुए कहा जिंदा इंसान को नोंच खाते हैं। मंदिर में देवी को कपड़े पहनाते हैं और मंदिर के बाहर महिलाओं को नंगा किया जाता है। ये इंसाफ की चौखट पर आने वाले को केवल और केवल न्याय के मंदिर में भी बलात्कार किया जाता है। उनके द्वारा बोले गए हर डायलॉग ने मानों सभी के रोंगटे खड़े कर दिए हों।
4. अमरीश पुरी और मीनाक्षी शेषाद्रि के बीच फिल्माया गया संवाद
कोर्ट रूम में अमरीश पुरी और मीनाक्षी शेषाद्रि के बीच फिल्माया गया संवाद भी फिल्म में कई मिनट का है। इसमें अमरीश पुरी अपने सवालों जाल में दामिनी को उलझाते हुए नजर आ रहे हैं।
इस फिल्म के बाद से इंडस्ट्री में सनी देओल और मीनाक्षी शेषाद्रि के सितारे बुलंदी पर आ गए। बॉलीवुड का हर निर्माता निर्देशक उन्हें फिल्म में लेने को आतुर दिखा।
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