इनकम टैक्स में बड़ी राहत देने की तैयारी में मोदी सरकार, पढ़ें पूरी खबर
डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी समिति ने मध्यम वर्ग (Middle Class) से इनकम टैक्स का बोझ कम करने की सिफारिश की है.
नई दिल्ली:
अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए तमाम कदम उठाने के बाद अब मोदी सरकार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर बड़ी राहत देने की तैयारी में है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी समिति ने मध्यम वर्ग (Middle Class) से इनकम टैक्स का बोझ कम करने की सिफारिश की है. अगर ऐसा होता है तो मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ घटकर आधा हो सकता है. पर्सनल इनकम टैक्स की दरों के मामले में समिति ने 5, 10 और 20 फीसदी के तीन स्लैब की सिफारिश की है, जबकि अभी 5, 20 और 30 प्रतिशत की दर से इनकम टैक्स वसूला जाता है. समिति का सुझाव है कि ऐसा करने से टैक्स चोरी रोकी जा सकेगी.
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डायरेक्ट टैक्स में सुधार के लिए बनी टास्क फोर्स ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पिछले हफ्ते रिपोर्ट सौंप दी है. टास्क फोर्स का कहना है कि आम आदमी के लिए इनकम टैक्स की दरों और स्लैब में बड़े बदलाव की जरूरत है, ताकि टैक्स चोरी रोकी जा सके. कॉर्पोरेट के लिए समिति ने डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) और मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (मैट) को भी हटाने पर बल दिया है. टास्क फोर्स की मानें तो सालाना 55 लाख से कम आमदनी वाले टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी जा सकती है.
- समिति ने पांच से 20 लाख रुपये की आय पर कर 20 से घटाकर दस फीसदी करने और अमीरों पर भी टैक्स 30 से घटाकर 20 फीसदी करने पर बल दिया है.
- समिति के अनुसार, टैक्स स्लैब में बदलाव से कुछ साल के लिए सरकार की आमदनी प्रभावित होगी पर दीर्घकाल में इसका फायदा मिलेगा.
- समिति ने डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स भी खत्म करने का सुझाव सरकार को दिया है.
रिपोर्ट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) खत्म करने और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (LTCG) और सिक्यॉरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) बनाए रखने का भी सुझाव दिया गया है. भारतीय कंपनियों को किसी वित्त वर्ष में घोषित या चुकाए गए कुल डिविडेंड पर 15% का डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स देना पड़ता है. इस पर 12% सरचार्ज और 3 प्रतिशत एजुकेशन सेस भी लगता है.
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टास्क फोर्स के प्रमुख सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन हैं. 21 माह में कुल 89 बैठकों के बाद टास्क फोर्स ने यह रिपोर्ट बनाई है, जिसे जल्द ही सार्वजनिक किए जाने की बात कही जा रही है. रिपोर्ट को लेकर आम लोगों के साथ एक्सपर्ट से राय ली जाएगी, जिसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, सहमति बनने के बाद इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार बजट में डायरेक्ट टैक्स में बदलाव की घोषणा करेगी. यह ड्राफ्ट कानून, मौजूदा आयकर कानून का स्थान लेगा.
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