नवंबर में GST संग्रह 1.04 लाख करोड़ रुपये, अक्ट्रबर की तुलना में मामूली गिरावट
चालू वित्त वर्ष में यह लगातार दूसरा महीना है जबकि जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. नवंबर में जीएसटी संग्रह पिछले साल के समान महीने से 1.4 प्रतिशत अधिक है. नवंबर, 2019 में जीएसटी संग्रह 1,03,491 करोड़ रुपये रहा था.
नई दिल्ली:
सरकार का माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह नवंबर में 1.04 लाख करोड़ रुपये रहा है. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को बयान में यह जानकारी दी. हालांकि, अक्टूबर की तुलना में जीएसटी राजस्व का आंकड़ा मामूली घटा है. अक्टूबर में यह 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा था. चालू वित्त वर्ष में यह लगातार दूसरा महीना है जबकि जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. नवंबर में जीएसटी संग्रह पिछले साल के समान महीने से 1.4 प्रतिशत अधिक है. नवंबर, 2019 में जीएसटी संग्रह 1,03,491 करोड़ रुपये रहा था.
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नवंबर में संग्रह का आंकड़ा पिछले साल के समान महीने से 1.4 प्रतिशत अधिक
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी राजस्व में सुधार के हालिया रुख के अनुरूप नवंबर में संग्रह का आंकड़ा पिछले साल के समान महीने से 1.4 प्रतिशत अधिक रहा है. बयान में कहा गया है कि समीक्षाधीन महीने में वस्तुओं के आयात से राजस्व पिछले साल के समान महीने की तुलना में 4.9 प्रतिशत अधिक रहा. वहीं घरेलू लेनदेन से राजस्व पिछले साल के समान महीने से 0.5 प्रतिशत अधिक रहा है. नवंबर, 2020 में कुल जीएसटी राजस्व 1,04,963 करोड़ रुपये रहा है. इसमें केंद्रीय जीएसटी 19,189 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 25,540 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी 51,992 करोड़ रुपये है (इसमें से 22,078 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए हैं). इसमें उपकर का योगदान 8,242 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए 809 करोड़ रुपये शामिल) का रहा है.
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बीते वित्त वर्ष 2019-20 में 12 में से आठ महीनों में जीएसटी राजस्व एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था. हालांकि, चालू वित्त वर्ष में कोरोना वायरस महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से जीएसटी राजस्व प्रभावित हुआ है. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल में जीएसटी संग्रह सिर्फ 32,172 करोड़ रुपये रहा था. मई में जीएसटी संग्रह 62,151 करोड़ रुपये, जून में 90,917 करोड़ रुपये, जुलाई में 87,422 करोड़ रुपये, अगस्त में 86,449 करोड़ रुपये, सितंबर में 95,480 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 1,05,155 करोड़ रुपये रहा था.
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