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तमाम चुनौतियों के बीच दो दशकों में आठ फीसद की दर से वृद्धि है संभव

वैष्णव ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के अंत में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 198 लाख करोड़ रुपये था जिसमें से 116 लाख करोड़ रुपये खपत से आए थे.

Updated on: 27 Mar 2022, 08:48 AM

highlights

  • एसोचैम के एक कार्यक्रम में कह दी बड़ी बात
  • दो दशक तक हर साल 1.5 करोड़ रोजगार होंगे
  • सरकार ने पूंजीगत निवेश बढ़ाने का लिया फैसला

नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट समेत अन्य रेटिंग एजेंसियां कोरोना कहर के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अपने अनुमानों में विकास दर को लेकर दावे कर रही हैं. ऐसे में रेल एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव का दावा राहत देता है. उन्होंने कहा है कि सरकार की पूंजीगत निवेश रणनीति के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 20 वर्षों तक सालाना आठ फीसदी की दर से वृद्धि कर सकती है. एसोचैम के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरकार ने पूंजीगत निवेश में बढ़ोतरी की जो रणनीति अपनाई है उससे आने वाले 20 वर्षों में हर साल 1.5 करोड़ रोजगार पैदा होंगे और 3.5 करोड़ लोगों को गरीबी के चंगुल से बाहर निकालने में मदद मिलेगी. 

उन्होंने कहा, ‘हम पांच-छह वर्षों तक पूंजीगत निवेश की रणनीति जारी रखते हैं तो अगले 20 वर्षों तक आठ फीसदी की सतत वृद्धि हासिल कर सकते हैं. इस तरह हम समाज में बदलाव ला सकते हैं’ उन्होंने कहा कि भारत अतीत में खपत-आधारित अर्थव्यवस्था रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अर्थशास्त्रियों की हिचक के बावजूद पूंजीगत निवेश बढ़ाने के लिए ‘विश्वास का मार्ग’ चुना है. उन्होंने कहा कि अमेरिका, जर्मनी, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया ने भी कई वर्षों तक पूंजीगत निवेश का ही मार्ग अपनाकर उच्च वृद्धि हासिल की है.

वैष्णव ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के अंत में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 198 लाख करोड़ रुपये था जिसमें से 116 लाख करोड़ रुपये खपत से आए थे. इस जीडीपी में से सिर्फ 27 प्रतिशत ही निवेश का हिस्सा था. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने पूंजीगत निवेश बढ़ाने का फैसला किया.