IMF ने घटाया भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान, कहा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
आईएमएफ ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया है.
highlights
- 2019-20 वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी वृद्धि दर का 4.8 फीसदी रहने का अनुमान.
- हालांकि 2020 में जीडीपी दर को 5.8 फीसदी रहने का अनुमान भी जताया है.
- 2020 में वैश्विक ग्रोथ 3.3 फीसदी रहेगी जो 2019 में 2.9 फीसदी थी.
नई दिल्ली:
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक बार चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ को तगड़ा झटका दिया है. उसने 2019-20 वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को 4.8 फीसदी पर ला पटका है. हालांकि 2020 में जीडीपी दर को 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. इस तरह से देखा जाए तो आईएमएफ ने 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया है. आईएमएफ ने कहा है कि भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को उसे घटाना पड़ा है.
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दावोस में जारी किया अनुमान
आईएमएफ ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान इस अनुमान को जारी किया है. आईएमएफ ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया है. आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है. उसका कहना है कि घरेलू मांग में उम्मीद से भी अधिक कमी आई है. साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 120 आधार अंक यानी 1.20 फीसदी घटाकर 7 फीसदी से 5.8 फीसदी कर दिया है.
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अमेरिका-चीन डील से होगा फायदा
हालांकि आईएमएफ ने यह उम्मीद जताई है कि अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक डील से जल्दी ही दुनिया की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में सुधार होगा. आईएमएफ ने यह भी कहा है कि वर्ष 2020 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त 5.8 फीसदी और आगे 2021 में और सुधरकर 6.5 फीसदी रह सकती है. आईएमएफ ने कहा कि घरेलू मांग में भारी गिरावट इसकी सबसे बड़ी वजह है, जो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संकट और क्रेडिट ग्रोथ में कमी की वजह से हुई है. हालांकि, आईएमएफ ने यह भी कहा है कि केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदम और कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहने पर ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.
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वैश्विक ग्रोथ का अनुमान भी घटाया
आईएमएफ ने कहा कि 2020 में वैश्विक ग्रोथ 3.3 फीसदी के स्तर पर रहेगी जोकि 2019 में 2.9 फीसदी रही थी. 2019 में यह बीते एक दशक के निचले स्तर पर था. अक्टूबर माह के अनुमान के मुकाबले इस बार दोनों साल के लिए वैश्विक ग्रोथ में 0.1 फीसदी की कटौती की गई है. 2021 के लिए इसके 3.4 फीसदी तक रहने का अनुमान है. अक्टूबर के मुकाबले इसमें भी 0.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
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