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अमेरिकी नौसेना प्रमुख बोले, चीन का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभाएगा भारत

पिछले अक्टूबर में अपनी पांच दिवसीय भारत यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, हिंद महासागर युद्धक्षेत्र हमारे लिए तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है. तथ्य यह है कि भारत और चीन के बीच वर्तमान में उनकी सीमा पर थोड़ी झड़प है.

Updated on: 27 Aug 2022, 09:22 PM

वाशिंगटन:

यूएस चीफ ऑफ नेवल ऑपरेशंस एडम माइक गिल्डे (Adm Mike Gilday) ने कहा कि चीन (China) का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभाते हुए भारत भविष्य में अमेरिका (America) का अहम साझेदार होगा. निक्केई एशिया (Nikkei Asia) की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के सर्वोच्च रैंक वाले नौसेना अधिकारी गिल्डे ने गुरुवार को वाशिंगटन में हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक व्यक्तिगत संगोष्ठी में कहा कि भारत चीन को दो मोर्चों की समस्या के साथ पेश करता है. उन्होंने कहा, "वे अब चीन को न केवल दक्षिण चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य की ओर देखने के लिए मजबूर कर रहे हैं, बल्कि उन्हें अब भारत की ओर अपने कंधे पर देखना होगा." गिल्डे ने कहा, "मैंने किसी अन्य देश की तुलना में भारत की यात्रा पर अधिक समय बिताया है क्योंकि मैं उन्हें भविष्य में हमारे लिए एक रणनीतिक भागीदार मानता हूं."

पिछले अक्टूबर में अपनी पांच दिवसीय भारत यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, हिंद महासागर युद्धक्षेत्र हमारे लिए तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है. तथ्य यह है कि भारत और चीन के बीच वर्तमान में उनकी सीमा पर थोड़ी झड़प है. यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है." निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह विचार कि हिमालय में भारत और चीन के बीच सीमा संघर्ष बीजिंग के लिए दो मोर्चों की समस्या है, अमेरिकी रणनीतिकारों के बीच जोर पकड़ रहा है.

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क्वाड देश अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया जब जून में जापान में बैठक कर रहे थे, तब पेंटागन के पूर्व अधिकारी एलब्रिज कोल्बी ने निक्केई एशिया को बताया कि भारत ताइवान पर स्थानीय लड़ाई में सीधे योगदान नहीं देगा, लेकिन यह हो सकता है चीन का ध्यान हिमालय की सीमा की ओर आकर्षित करें. वर्ष 2018 की राष्ट्रीय रक्षा रणनीति के प्रमुख लेखक कोल्बी ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान को भारत की जरूरत है कि वह दक्षिण एशिया में जितना संभव हो सके उतना मजबूत हो और प्रभावी रूप से चीनी ध्यान आकर्षित करे ताकि उनके सामने एक बड़ी दूसरी समस्या हो. अक्टूबर में अमेरिका और भारत के बीच एक नियोजित संयुक्त पर्वतारोहण अभ्यास को चीन के लिए संभावित दूसरे मोर्चे को रेखांकित करने के रूप में देखा जा रहा है.