तालिबान बिल्कुल नहीं बदला, हाथ काटना जैसी क्रूर सजाएं रहेंगी जारी
अफगानिस्तान (Afghanistan) में काबिज होने वाला तालिबान भले ही कहता रहे कि वह बदल गया है, लेकिन उसकी हरकतें और बयान यही बताते हैं कि वह रत्ती भर नहीं बदला है.
highlights
- हाथ-पैर काटना और गोली मार सजा के प्रावधान रहेंगे जारी
- यह अलग बात है कि इस बार सारी सजाएं जेल में दी जाएंगी
- मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने साफ किए तालिबान सरकार के मंसूबे
काबुल:
दो दशकों बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) में काबिज होने वाला तालिबान भले ही कहता रहे कि वह बदल गया है, लेकिन उसकी हरकतें और बयान यही बताते हैं कि वह रत्ती भर नहीं बदला है. अब तालिबान (Taliban) के जेल मंत्री मुल्ला नुरुद्दीन तुराबी ने कहा कि तालिबान राज में पुराने इस्लामिक तौर-तरीकों से ही सजा दी जाएगी. इसके तहत पत्थर मार-मार कर जान लेना और हाथ काट देना शामिल है. तालिबान के संस्थापकों में से एक तुराबी का यह कहना है कि सुरक्षा के मद्देनजर हाथ काटना बेहद जरूरी है. हालांकि मुल्ला तुराबी ने दयानतदारी दिखाते हुए यह भी कहा कि अब ऐसी सजाएं सार्वजनिक तौर पर नहीं दी जाएंगी. जाहिर है सजा के क्रूरतम तरीकों को लागू करने की घोषणा के बाद कोई शक नहीं रहा है कि ये आतंकवादी संगठन नहीं बदला है.
उदार तालिबान ने कहा सुरक्षा के लिए हाथ काटना जरूरी
गौरतलब है कि इस्लामी कानून की कठोर व्याख्या करने वाले तालिबान ने जब 1996 में अफगानिस्तान की सत्ता संभाली थी, उस वक्त ये क्रूर शासन के लिए पूरी दुनिया में कुख्यात था. तालिबान के लिए किसी को फांसी देना, पत्थर से पीटकर मार देना और हाथ काट देना कोई बड़ी बात नहीं थी, लेकिन इस बार काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने 'उदार' होने का दावा किया था. यह अलग बात है कि समावेशी सरकार जैसे हर वादे की तरह, तालिबान ने अपने इस वादे को भी तोड़ दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक इंटरव्यू में मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने कहा है कि हाथ काटना बेहद जरूरी है.
यह भी पढ़ेंः पीएम मोदी आज UNGA में भारत के 1.3 अरब लोगों की भावनाओं को रखेंगे, इन मुद्दों को उठाएंगे
एमनेस्टी इंटरनेशनल कर रहा तालिबान की निंदा
एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं तालिबान पर किए गए वादे तोड़ मानवाधिकार हनन का आरोप अभी से लगाने लगी है. हेरात में हजारा समुदाय के लोगों की हत्या हो या महिलाओं को काम पर जाने से रोकना तालिबान वह ऐसा कदम उठा रहा है, जिसने उसे क्रूर आतंकी संगठन बतौर पहचान दिलाई. गौरतलब है कि काबुल पर तालिबान के कब्जे से पहले बाल्ख के एक खुदमुख्तार तालिबानी जज हाजी बदरुद्दीन ने भी इस्लामिक कानून के तहत कठिन या क्रूर सजाओं की तरफदारी की थी. अब मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने तालिबान की अंतरिम सरकार के मंसूबे साफ कर दिए हैं.
इस बार स्टेडियम में फांसी नहीं दी जाएगी
यह अलग बात है कि तालिबान के जल मंत्री मुल्ला तुराबी ने इस बार कहा है कि सार्वजनिक जगहों पर किसी कैदी को फांसी नहीं दी जाएगी, बल्कि कैदियों को फांसी अब जेल में ही दी जाएगी. गौरतलब है कि पहले तालिबान किसी स्टेडियम में या फिर सड़कों पर किसी शख्स को फांसी देकर उसकी लाश को चौराहों पर लटका देता था. तुराबी ने कहा, 'स्टेडियम में दंड के लिए सभी ने हमारी आलोचना की, लेकिन हमने उनके कानूनों और उनकी सजा के बारे में कभी कुछ नहीं कहा.' उसने कहा कि कोई हमें नहीं बताएगा कि हमारे कानून क्या होने चाहिए. हम इस्लाम का पालन करेंगे और हम कुरान पर अपने कानून बनाएंगे.
यह भी पढ़ेंः कश्मीर पर फिर घिरे इमरान खान, UNGA में भारत ने सुनाई खरी-खरी
बेहद कट्टर मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी
मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी 60 के शुरुआती दशक में तालिबान के पिछले शासन के दौरान न्याय मंत्री और कथित तौर पर इस्लाम का प्रचार करने वाला और तालिबान की धार्मिक पुलिस का प्रमुख हुआ करता था. उस समय पूरी दुनिया तालिबान की सजा की निंदा करती थी, जो काबुल के खेल स्टेडियम में या विशाल ईदगाह मस्जिद के मैदान में लोगों की दी जाती थी. इसमें अक्सर सैकड़ों अफगान पुरुष शामिल होते थे. सजायाफ्ता कैदियों की फांसी आमतौर पर सिर पर एक ही गोली मारकर की जाती थी. सजायाफ्ता चोरों के हाथ काटने का प्रावधान था. हाईवे डकैती के दोषियों का एक हाथ और एक पैर काट दिया जाता था. तालिबान की अदालत सार्वजनिक नहीं होती थी और उसके कोर्ट में कोई कानून का जानकार नहीं, बल्कि मौलवी होते थे. सबसे बड़ी बात यह कि तालिबान की अदालत में आरोपियों के पास बोलने का अधिकार नहीं होता था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Ganga Dussehra 2024: इस साल गंगा दशहरा पर बन रहा है दुर्लभ योग, इस शुभ मुहूर्त में स्नान करें
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीय के दिन करें ये उपाय, चुम्बक की तरह खिंचा चला आएगा धन!
-
May 2024 Panchak: आज से शुरू हुआ है गुरू पंचक, अगले 5 दिन ना करें कोई शुभ काम
-
Love Rashifal 2 May 2024: प्रेम और वैवाहिक जीवन के लिए कैसा रहेगा गुरुवार का दिन, पढ़ें लव राशिफल