आखिर भारत की सरहद पर पाकिस्तान ने क्यों तैनात की परमाणु तोप ?
चीन ने पाकिस्तान को ऐसी तोपें दी हैं जो परमाणु बम के गोले दागने की क्षमता रखता है. इन तोपों को भारत के जम्मू-कश्मीर के इलाके के साथ लगने वाली नियंत्रण रेखा यानी पर तैनात कर रहा है.
highlights
- k9 वज्र के जवाब में पाकिस्तान ने चीन से SH-15 होवित्जर तोप खरीदी थी
- SH-15 जैसी होवित्जर तोपों को सरहद पर तैनात कर रहा है पाकिस्तान
नई दिल्ली:
कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान भले ही अपनी आवाम को आटा तक मुहैया नहीं करा पा रहा है लोकिन उसकी फौज भारत के खिलाफ साजिश रचने से बाज नहीं आ रही है. और इस साजिश में पाकिस्तान का साथ दे रहा है उसका सबसे भरोसेमंद देश चीन. चीन ने पाकिस्तान को ऐसी तोपें दे दी हैं जो परमाणु बम के गोले तक दागने की क्षमता रखती हैं और अब खबर ये हैं कि पाकिस्तान इन तोपों को भारत के जम्मू-कश्मीर के इलाके के साथ लगने वली नियंत्रण रेखा यानी LOC पर तैनात कर रहा है. तो अब सवाल ये हैं कि क्य़ा पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमला करने वाला है? और पाकिस्तान के पास तो परमाणु बम पहले से हैं ही और उन्हें दागने की क्षमता भी है तो आखिरकार को उस परमाणु बम दागने वाली तोपों की जरूरत ही क्यों पर पड़ रही है.
ये भी पढ़ें: Telangana: केसीआर के कई नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा, राहुल गांधी ने दिलाई सदस्यता
दरअसल किसी भी जंग में होवित्जर तोपें बहुत बड़ी भूमिका निभाती है और खास तौर से पहाड़ी इलाकों में होने वाली जंग में तो इस तरह की तोपों की भूमिका निर्णायक हो जाती है. साल 1999 में कारगिल की जंग के दौरान भारत के इलाके में बंकर बनाकर छुपे पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने और भारत को उस जंग में जीत दिलाने में बोफोर्स तोपों ने अहम भूमिका निभाई थी.
भारत की फौज के पास k9 वज्र के तौर पर 155 मिलीमीटर की ऐसी होवित्जर तोपें हैं जो पर्वतीय इलाकों में दुश्मन को धूल चटाने का माद्दा रखती हैं. साउथ कोरिया की कंपनी के सहयोग से बनी k9 वज्र के जवाब में पाकिस्तान ने चीन से SH-15 होवित्जर तोप खरीदी थी. पाकिस्तान को अब इन तोपों की दूसरी खेप मिल चुकी है और वो इन्हें भारत के साथ लगी LOC पर तैनात कर रहा है.
इन तोपों की खास बात ये है कि इनसे परमाणु बम के गोले भी दागे जा सकते हैं. पाकिस्तान के पास 1998 से ही परमाणु बम मौजूद है . उसके पास अमेरिका से मिले F-16 फाइटर जेट्स हैं जो परमाणु बमन को गिरान की क्षमता रखते हैं. इसके अलावा चीन की मदद से बनाई गईं मिसाइल्स भी पाकिस्तान के पास है जिनसे वो परमाणु हमला कर सकता है. लेकिन ये हथियार बड़े इलाके को तबाह करने वाले हैं. पाकिस्तान को इस बात की जरूरत महसूस हो रही है कि उसके पास टेक्टीकल परमाणु हथियार यानी छोटे परमाणु बमों को दागने वाले हथियारों की कमी है. ऐसे टेक्टीकल परमाणु बमों को किसी खास इलाके में दुश्मन की बढ़त को रोकने के लिए या उसे फौजी टुकड़ी की बर्बाद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
चीन से मिली तोपें पाकिस्तान का ऐसा ही मकसद पूरा कर सकती है. दरअसल पाकिस्तान को खौफ है कि अगर LOC पर कारगिल जैसे किसी छोटे युद्ध की शुरूआत होती है तो इंडियन आर्मी सरहद पार करके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर कंट्रोल कर सकती है और ऐसे ही हालात में इंडियन आर्मी की बढ़त को रोकने के लिए पाकिस्तान चीन से मिली SH-15 जैसी होवित्जर तोपों को सरहद पर तैनात कर रहा है ताकि इंडियन आर्मी की किसी संभावित बढ़त को रोका जा सके.
वहीं चीन का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट CPEC भी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मी से ही गुजरकर जा रहा है. ऐसे में चीन को भी खौफ है कि अगर भारत ने उस इलाके पर कब्जा कर लिया तो उसका करोड़ों डॉलर का ये प्रोजेक्ट बर्बाद हो जाएगा.
( रिपोर्ट: Sumit kumar Dubey)
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Lok Sabha Election 2024: PM मोदी ने नामांकन के लिए क्यों चुना यह खास दिन? सामने आई चौंकाने वाली वजह
-
Guru Asta 2024: आज गुरु होंगे अस्त, इन राशियों को होगा बंपर लाभ, होगी जबरदस्त कमाई
-
Angarak Yoga 2024: मंगल के गोचर से बना अंगारक योग, इन राशियों के जीवन में छा जाएगा अंधेरा
-
Vastu Tips For Kitchen: इस दिशा में होती है रसोई तो घर वाले हमेशा रहते हैं कंगाल