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इटली में जनमत संग्रह को जनता ने नकारा, टूटे शेयर बाजार

संविधान में संशोधन को लेकर हुए जनमत संग्रह में मिली करारी हार के बाद इटली के प्रधानमंत्री के इस्तीफे का असर भारत समेत एशिया के शेयर बाजारों पर देखने को मिल रहा है।

Updated on: 05 Dec 2016, 09:55 AM

highlights

  • इटली के प्रधानमंत्री के इस्तीफे का असर भारत समेत एशिया के शेयर बाजारों पर देखने को मिल रहा है
  • सोमवार की सुबह सेंसेक्स 51 अंक की गिरावट के साथ 26,179 पर खुला, निफ्टी 8100 के नीचे

New Delhi:

संविधान में संशोधन को लेकर हुए जनमत संग्रह में मिली करारी हार के बाद इटली के प्रधानमंत्री के इस्तीफे का असर भारत समेत एशिया के शेयर बाजारों पर देखने को मिल रहा है। कमजोर वैश्विक संकेतों और जीएसटी को लेकर बनी अनिश्चितता के बाद शेयर बाजार दबाव में दिख रहा है।

सोमवार की सुबह सेंसेक्स 51 अंक की गिरावट के साथ 26,179 पर खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 5 अंक टूटकर 8,081 पर खुला।
सेंसेक्स में बढ़त वाले शेयरों में अदानी पोर्ट्स, ल्यूपिन, सिप्ला, टाटा मोटर्स, मारुति और भारती एयरटेल शामिल हैं। वहीं सबसे ज्यादा गिरावट एचडीएफसी और डॉ रेड्डीज के शेयरों में आई है।


बैंकिंग में जहां बिकवाली का दबाव दिख रहा है वहीं ऑटो इंडेक्स में खरीदारी की वजह से करीब 200 अंकों की तेजी दिखाई दे रही है। वहीं निफ्टी 8100 के अहम सपोर्ट स्तर के नीचे काम कर रहा है। निफ्टी में 33 शेयर हरे निशान में जबकि 17 शेयर लाल निशान में काम कर रहे हैं।

सेंसेक्स में आए दबाव के घरेलू कारणों में जीएसटी काउंसिल की बैठक का बेनतीजा रहना है। शनिवार को काउंसिल की बैठक में केंद्र और राज्य के बीच कोई बात नहीं बन पाई। इस वजह से संसद के मौजूदा सत्र में जीएसटी बिल के पास होने की संभावना कम हो गई है।

विदेशी कारणों में इटली में जनमत संग्रह में संविधान संशोधन की कोशिशों का खारिज होना है। प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद इटली में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा अमेरिकी रोजगार के खराब आंक़ड़ों ने भी बाजार को निराश किया है। इसके बाद दिसंबर में फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने की आशंका है।