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एग्जिट पोल 2017: यूपी में 'महागठबंधन' की दस्तक, क्या अखिलेश का प्रस्ताव मायावती मानेंगी !

उत्तर प्रदेश विधनासभा चुनाव से पहले आए एग्जिट पोल ने राज्य में चुनाव बाद महागठबंधन की संभावनाओं को तेज कर दिया है। एग्जिट पोल में बीजेपी को करीब 200 से अधिक सीटें मिलने के बाद अखिलेश यादव के बयान ने समाजवादी-कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच गठबंधन की अटकलों को तेज कर दिया है।

Updated on: 10 Mar 2017, 09:32 AM

highlights

  • एग्जिट पोल के बाद उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की संभावनाएं तेज, सपा के प्रस्ताव पर बसपा ने साधी चुप्पी 
  • उत्तर प्रदेश विधानसभा को लेकर आए एग्जिट पोल में बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी उभरने की संभावना जताई गई है

New Delhi:

उत्तर प्रदेश विधनासभा चुनाव से पहले आए एग्जिट पोल ने राज्य में चुनाव बाद महागठबंधन की संभावनाओं को तेज कर दिया है। एग्जिट पोल में बीजेपी को करीब 200 से अधिक सीटें मिलने के बाद अखिलेश यादव के बयान ने समाजवादी-कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच गठबंधन की अटकलों को तेज कर दिया है।

पोल के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि उन्हें या किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता है तो वह किसी गैर बीजेपी पार्टी से हाथ मिलाने के लिए खुले दिमाग से विचार कर सकते हैं।

अखिलेश यादव ने बीबीसी बातचीत करते हुए कहा, 'कोई नहीं चाहता है कि बीजेपी रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाए।' उन्होंने कहा कि कोई नहीं चाहता की राज्य में राष्ट्रपति शासन लगे। अखिलेश के बयान के बाद सत्ता की चाभी बसपा के पास होगी। ऐसे में महागठबंधन की सभी शर्तें बसपा सुप्रीमो के पास ही होगी।

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बिहार की तरह की उत्तर प्रदेश में चुनाव पूर्व महागठबंधन बनाने की कोशिश हुई थी लेकिन यह काम नहीं कर पाई। असम विधानसभा चुनाव में महागठबंधन नहीं बनने के बाद कुमार ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी को रोकने के लिए महागठबंधन बनाने की दिशा में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।

उन्होंने इसके लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को काम पर भी लगाया, लेकिन सपा और बसपा के बीच गठबंधन को लेकर किसी तरह की बात नहीं बन पाई। सपा-बसपा तो दूर मुलायम परिवार में कलह और नियंत्रण की वजह से आखिरी समय में राष्ट्रीय लोक दल भी गठबंधन से दूर हो गई।

हालांकि चुनाव बाद बसपा और सपा के बीच गठबंधन के रास्ते में पहले के मुकाबले कम अड़चनें होंगी। मसलन अब समाजवादी पार्टी अखिलेश की है, और गठबंधन का प्रस्ताव पहले उन्होंने दिया है। दूसरा, खबरों के मुताबिक सोनिया गांधी और नीतीश कुमार सपा और बसपा के बीच गठबंधन को लेकर बात करेंगी।

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अखिलेश से पूछा गया था कि सपा-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में वह सरकार बनाने के लिये मायावती की मदद ले सकते हैं, तो उनका जवाब था कि जरूरत पड़ी तो इस संभावना को एक बार ज़रूर टटोलेंगे। क्योंकि वो नहीं चाहते कि बीजेपी किसी को समर्थन देकर ये लेकर रिमोट कंट्रोल से प्रदेश की राजनीति को हांके।

समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बात को दोहराया। हालांकि यह सभी संभावनाएं अलग-अलग एग्जिट पोल के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है। मतगणना के बाद की स्थिति इससे पूरी तरह से अलग हो सकती है। लेकिन मौजूदा पोल्स के आंकड़ों को आधार बनाकर देखा जाए तो बीजेपी को रोकने के लिए बसपा की भूमिका किंगमेकर होगी।

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सी वोटर, एबीपी न्यूज और न्यूज एक्स के एग्जिट पोल के मुताबिक यूपी में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। सी वोटर का सर्वे कहता है कि बीजेपी बहुमत से काफी पीछे रह जाएगी यानी 161 तक सिमट जाएगी, वहीं एबीपी के सर्वे में बीजेपी की झोली में 170 सीटें आने का अनुमान लगाया गया है।

सभी एग्जिट पोल के आंकड़ों को मिलाकर अगर औसत निकाला जाए तो उसमें भी बीजेपी की सरकार बनने के आसार साफ नजर आ रहे हैं। इस आंकड़े के मुताबिक बीजेपी को 200, एसपी-कांग्रेस गठबंधन को 127 और बीएसपी को 68 सीटें मिल सकती हैं, जबकि अन्य के खाते में 8 सीटें आ सकती हैं। यूपी में बहुमत का आंकड़ा 202 है।

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