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UPI पेमेंट करने वालों की आई मौज, RBI ने लिमिट बढ़ाकर की 5 लाख

RBI Monetary Policy: पूरा देश इन दिनों यूपीआई पेमेंट पर भरोसा करता है. एक आंकड़े के मुताबिक देश के 70 फीसदी लोग पॅाकेट में पैसे लेकर नहीं चलते.

Updated on: 08 Dec 2023, 12:55 PM

highlights

  • कुछ जगहों पर यूपीआई से पेमेंट पर मिली ज्यादा भुगतान की छूट
  • रेपो रेट में नहीं हुआ कोई बदलाव, यथावत रहेगी रेपो रेट की दरें
  • अस्पताल और स्कूल फीस आदि चुकाने में नहीं होगी कोई परेशानी

दिल्ली :

RBI Monetary Policy: पूरा देश इन दिनों यूपीआई पेमेंट पर भरोसा करता है. एक आंकड़े के मुताबिक देश के 70 फीसदी लोग पॅाकेट में पैसे लेकर नहीं चलते. लोगों की जरूरतों को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कुछ जगहों पर यूपीआई से पेमेंट करने की लिमिट में बढोतरी कर दी है. आपोक बता दें कि देश में UPI ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए RBI ने MPC मीटिंग में बड़ा फैसला लिया है. आरबीआई का मानना है कि अस्पताल और स्कूल की फीस भरने के लिए कोई भी यूपीआई से 5 लाख  रुपए तक का पेमेंट कर सकता है.  अभी तक ये लिमिट 1 लाख रुपए थी. हालांकि अन्य स्थानों पर पुरानी पॅालिसी ही काम करती रहेंगी. 

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पेमेंट मोड हुआ आसान
दरअसल, जब से देश में डिजिटल पेमेंट की शुरूआत हुई है. तब से कुछ खरीदने के लिए पैसा रखने की जरूरत नहीं होती. ज्यादातर स्थानों पर यूपीआई के माध्यम से पेमेंट हो ही जाता है. यही वजह है कि हर महीने यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़ती ही जा रही है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को MPC के ऐलान में बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने हॉस्पिटल और स्कूल-कॉलेजों में यूपीआई ट्रांजेक्शन की लिमिट 5 लाख रुपए तक बढ़ा दी है.  अब अस्पताल में पैसा भरने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

नीतिगत दर 6.5 फीसदी पर बरकरार 
बैठक में सबकी सहमती से फैसला लिया गया है कि रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. पहले से चली आ रही रेपो रेट ही आगामी फैसले तक यथावत कर दिया गया है. नीतिगत दर 6.5 फीसदी पर बरकरार रहेगी. गवर्नर शशीकांत दास के मुताबिक “वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, हमारी बुनियाद सुदृढ़ है. उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कोई नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह लगातार पांचवीं बार है जब नीतिगत दर यानी रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है,,.