उत्तराखंड विधानसभा में पास हुआ UCC, सीएम बोले- प्रदेश ने इतिहास रच दिया
बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है.उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य विधेयक नहीं है. वास्तव में देव भूमि उत्तराखंड का सौभाग्य है जो यह अवसर मिला है. भारत में कई बड़े प्रदेश हैं लेकिन यह अवसर उत्तराखंड को मिला है.
नई दिल्ली:
Uniform Civil Code bill Pass: उत्तराखंड विधानसभा में सामान नागरिक संहिता बिल पास हो गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सदन में इसे पेश किया था. घंटों की बातचीत के बाद यह बिल पास हो गया. अब राज्यपाल के पास यह बिल जाएगा. जिसके बाद ये विधेयक कानून का रूप ले लेगा. बता दें कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां सामान नागरिकता संहिता (UCC) लागू होने जा रहा है. ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद UCC ड्राफ्ट तैयार किया गया
दशकों से एक बड़ा वर्ग देश में एक समान कानून लागू करने की मांग कर रहा था,. छोटे से राज्य उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने का बड़ा फैसला लिया.
समान नागरिक संहिता (UCC) के विधेयक में किसी धर्म विशेष का उल्लेख नहीं किया गया. हालांकि, कई नियमों में बदलाव किए गए हैं. इसमें रूढ़ि, परंपरा और प्रथा को खत्म करने का आधार बनाया गया है. इस बिल में हलाला को प्रत्यक्ष तौर पर कहीं नहीं लिखा गया, लेकिन एक विवाह के बाद दूसरे विवाह को पूरी तरह से अवैध करार दिया गया है.
उत्तराखंड और देश के हर नागरिक को गर्व की अनुभूति हो रही- सीएम
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी विधेयक पर चर्चा की. उन्होंने इसे ऐतिहासिक विधेयक बताते हुए कहा कि लोगों को इस बिल का बेसब्री से इंतजार था. यह कोई सामान्य विधेयक नहीं है. वास्तव में देव भूमि उत्तराखंड का सौभाग्य है जो यह अवसर मिला है. भारत में कई बड़े प्रदेश हैं लेकिन यह अवसर उत्तराखंड को मिला है. देवभूमि से देश को दिशा दिखाने का अवसर इस सदन के प्रत्येक सदस्य को इस मौके पर सीएम धामी ने देशवासियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड की विधायिका एक इतिहास रचने जा रही है. उत्तराखंड और देश के हर नागरिक को गर्व की अनुभूति हो रही है.
बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कहा कि बहुत समय बीत गया, हमने अमृत महोत्सव मनाया, लेकिन 1985 के शाह बानो केस के बाद भी सच नहीं माना गया. वो सच जिसके लिए शायरा बानो ने दशकों तक संघर्ष किया. वह सत्य जो पहले हासिल किया जा सकता था, लेकिन अज्ञात कारणों से नहीं किया गया. पूर्ण बहुमत वाली सरकारें होने पर भी समान नागरिक संहिता लाने के प्रयास क्यों नहीं किए गए? महिलाओं को क्यों समान अधिकार नहीं दिए गए? वोट बैंक को देश से ऊपर क्यों रखा गया? नागरिकों के बीच मतभेद क्यों जारी रहने दिया गया? समुदायों के बीच घाटी क्यों खोदी गई?...
#WATCH | Dehradun: In the Uttarakhand Assembly, CM Pushkar Singh Dhami speaks on UCC, "A long passage of time passed. We celebrated Amrit Mahotsav. But the truth was not accepted even after the Shah Bano case of 1985... The truth for which Shayara Bano struggled for decades...… pic.twitter.com/oIDb1hfy3Q
— ANI (@ANI) February 7, 2024
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