प्रयागराज के इस गांव में कोरोना का कहर, 1 महीने में करीब 18 लोगों की मौत
प्रयागराज ज़िला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर आटा गांव में शुरुआत में लोगों ने गांव में कोरोना से हुई किसी मौत से नजे सिर्फ इनकार कर दिया. बल्कि गांव के लोग हमारे साथ किसी तरह के सहयोग को भी तैयार नही थे
highlights
- शहर के बाद अब कोरोना गांवों में कहर बरपा रहा है
- प्रयागराज के कई गांव से कोरोना संक्रमण से मौतों मामला सामने आ रहा है
- फूलपुर तहसील के आटा गांव में महीने भर में दर्जन से अधिक मौत हो चुकी हैं
प्रयागराज:
शहर के बाद अब कोरोना गांवों में कहर बरपा रहा है, प्रयागराज में शहर के बाद तमाम गांव से कोरोना संक्रमण के चलते मौतों की खबर सामने आ रही है . News Nation की टीम आज फूलपुर तहसील के आटा गांव पहुंची जहां से महीने भर में दर्जन से अधिक मौतों की खबरें सामने आ रही थी . प्रयागराज ज़िला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर आटा गांव में शुरुआत में लोगों ने गांव में कोरोना से हुई किसी मौत से नजे सिर्फ इनकार कर दिया. बल्कि गांव के लोग हमारे साथ किसी तरह के सहयोग को भी तैयार नही थे, लेकिन जब हम पंचायत भवन पहुंचे तो वहां तमाम लोग ऐसे मिले जिन्होंने बताया कि गांव में तमाम लोगों की कोरोना से मौत हुई है, गांव वालों ने बताया कि बीते एक महीने में गांव में मरने वालों की संख्या 17-18 के करीब है . इतना ही नही गांव के कई लोगों की मौत के बाद भी गांव में लोगों की जांच और उपचार की भी कोई व्यवस्था नही की गई है
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पंचायत भवन पर हमें बताया गया कि गांव में सुरेश शुक्ला के परिवार में कोरोना से 2 मौतें हुई है . जिनमे एक बुजुर्ग और एक जवान शामिल है, सुरेंद्र शुक्ला का घर ढूंढते जब हम उनके घर पहुंचे तो परिवार में कोरोना के चलते हुई त्रासदी की कहानी सामने आई, सुरेंद्र शुक्ला और इनकी पत्नी ने रो-रोकर बताया कि कैसे पहले पिता की तबियत बिगड़ी. उन्हें शहर के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उनकी जान नही बच सकी.... 22 अप्रैल को कोरोना के चलते उनकी मौत हो गयी. परिवार अभी बुजुर्ग का अंतिम संस्कार कर खाली हुए था कि सुरेंद्र शुक्ला के 36 साल के भाई का ऑक्सिज़ेन लेवल अचानक नीचे जाने लगा और 24 अप्रैल को उसकी भी मौत हो गयी.
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सुरेंद्र शुक्ला और उनकी पत्नी से बातचीत, सुरेंद्र शुक्ला की पत्नी ने रो-रोकर बेहद मार्मिक अंदाज़ में बताया कि कैसे कोरोना का कहर इस परिवार पर टूटा और हमेशा दूसरों की मदद करने वाले इस परिवार के सदस्यों के अंतिम संस्कार के दौरान 4 लोग कंधा देने वाले नही मिले.
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सुरेंद्र शुक्ला सहित उनके परिवार के करीब आधा दर्जन लोग संक्रमित हुए थे लेकिन उनके पिता और भाई संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा बैठे, सुरेंद्र शुक्ला ने ये भी बताया कि संक्रमण से पहले उनके पिता ने कोरोना का टीका लगवाया था, बहुत संम्भव है कि ये परिवार टीकाकरण के दौरान ही संक्रमित हो गया हो . क्योंकि टीकाकरण के दौरान तमाम केंद्र पर लोगों की भारी भीड़ जुट रही है.
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