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ज्ञानवापी गृहतल पूजा अनुमति मामला: हाईकोर्ट ने मसाजिद कमेटी की संशोधन अर्जी मंजूर की, कल भी होगी सुनवाई

ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में पूजा अर्चना शुरू किए जाने के मामले में मंगलवार को सुनवाई से पहले अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में  जिला जज वाराणसी के आदेश को चुनौती दी है.  31 जनवरी के आदेश के खिलाफ अपील में दाखिल संशोधन अर्

Updated on: 06 Feb 2024, 05:16 PM

नई दिल्ली:

ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में पूजा अर्चना शुरू किए जाने के मामले में मंगलवार को सुनवाई से पहले अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में  जिला जज वाराणसी के आदेश को चुनौती दी है.  31 जनवरी के आदेश के खिलाफ अपील में दाखिल संशोधन अर्जी कोर्ट ने मंजूर कर ली है. दोनों मामलों की बुधवार को भी सुनवाई होगी. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की आदेश के खिलाफ अपील की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल कर रहे हैं. मस्जिद पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ नकवी व पुनीत गुप्ता की ओर से बहस की गई कि जब 17 को धारा 9 ग की अर्जी मंजूर करते हुए अदालत ने डीएम को रिसीवर नियुक्त करने एक मांग मंजूर कर ली तो बिना किसी अर्जी के अदालत ने 31 जनवरी को कैसे आदेश दे दिया.

इसके जवाब में मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि धारा 151 सीपीसी में अदालत को विवेकाधिकार है. जिला अदालत ने 17 जनवरी को रिसीवर नियुक्त करने की एक मांग मान ली और अर्जी मंजूर कर ली तो पूजा के अधिकार की दूसरी मांग को लेकर आदेश पारित करने की दलील दी गई. जिस पर कोर्ट ने 31 जनवरी का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा जब अर्जी मंजूर कर ली गई तो बिना किसी अर्जी के क्या जिला जज आदेश दे सकते हैं. इसी कानूनी मुद्दे को लेकर बुधवार को बहस होगी.
कोर्ट ने सुनवाई का मीडिया ट्रायल किए जाने पर आपत्ति की और कहा दोनों पक्ष मीडिया ट्रायल से बचें.

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इंतजामिया ने कोर्ट के फैसले पर भी खड़े किए सवाल 

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शुक्रवार को भारी सुरक्षा के बीच बड़ी संख्या में नमाजी जुम्मे के दिन नमाज अदा करने के लिए ज्ञानवापी परिसर पहुंचे थे. इसपर अंजुमन इंतजामिया ने शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए नमाज के लिए कमेटी के शीर्ष नेतृत्व व सभी नमाजियों का शुक्र अदा किया है, तो वहीं तहखाना आदेश मामले में जिला प्रशासन और जिला अदालत के कार्यवाही को एकतरफ़ा बताया है. इंतजामिया ने जिला प्रशासन और कोर्ट के फैसले पर भी सवाल खड़े किए.