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Bathinda Military Station Firing: जवान ने ही की थी 4 साथियों की हत्या

Bathinda Military Station Firing, Soldier confesses to killing 4 Army jawans : सेना के दक्षिण पश्चिमी कमान के मुख्यालय की तरफ से बयान आया है. सेना ने कहा कि बठिंडा मिलिट्री स्टेशन फायरिंग की घटना में निरंतर पूछताछ के बाद आर्टिलरी यूनिट से गनर देसाई मोहन नाम के एक व्यक्ति ने INSAS राइफल चोरी करने और अपने चार सहयोगियों की...

Updated on: 17 Apr 2023, 04:02 PM

highlights

  • भठिंडा मिलिट्री स्टेशन फायरिंग मामला
  • जवान ने स्वीकारी 4 साथियों की हत्या की बात
  • 12 अप्रैल को फायरिंग में 4 जवानों की गई थी जान

भठिंडा:

Bathinda Military Station Firing, Soldier confesses to killing 4 Army jawans : सेना के दक्षिण पश्चिमी कमान के मुख्यालय की तरफ से बयान आया है. सेना ने कहा कि बठिंडा मिलिट्री स्टेशन फायरिंग की घटना में निरंतर पूछताछ के बाद आर्टिलरी यूनिट से गनर देसाई मोहन नाम के एक व्यक्ति ने INSAS राइफल चोरी करने और अपने चार सहयोगियों की हत्या करने में अपनी संलिप्तता कबूल की है. प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि यह स्पष्ट रूप से व्यक्तिगत कारणों/द्वेष के कारण किया गया था. व्यक्ति वर्तमान में पुलिस हिरासत में है और आगे के विवरण का पता लगाया जा रहा है. यह दोहराया जाता है कि जैसा कि पहले अनुमान लगाया गया था, कोई आतंकी कोण नहीं है:

एसएसपी ने दोहराई बात

बठिंडा फायरिंग घटना पर बोलते बुए एसएसपी गुलनीत खुराना ने कहा कि घटना में इस्तेमाल होने वाली INSAS रायफल अंदर से ही चोरी हुई थी. यह माना जाता है कि अंदरूनी इस्तेमाल में लाया जाने वाले हथियार की चोरी में अंदरूनी व्यक्ति ही ज़िम्मेदार होता है. हमने कुछ लोगों से गहन पूछताछ की जिसमें उनके बयान बार-बार बदल रहे थे. तब हमें पता चला कि इन्होंने ही चारों जवानों को मारा था. जवानों से अपराधी की कुछ आपसी रंजिश थी इसलिए इस घटना को अंजाम दिया.

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12 अप्रैल को हुई थी गोलीबारी

बता दें कि पंजाब के बठिंडा सैन्य स्टेशन में 12 अप्रैल को गोलीबारी की घटना हुई थी. पुलिस के मुताबिक, जवान ड्यूटी खत्म होने के बाद अपने कमरे में सो रहे थे, तभी कथित तौर पर सफेद कुर्ता पजामा पहने दो नकाबपोश लोगों ने उन पर राइफलों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया. चारों जवान अपने कमरों में खून से लथपथ मिले थे. उन सभी की जान चली गई थी. चारों जवानों की पहचान सागर, कमलेश, संतोष और योगेश के रूप में हुई.