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JK पुलिस की गोली से नहीं बच पाएंगे आतंकी, MCS Range में ट्रेनिंग शुरू

Modern Containerised Shooting Range: आतंकियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस ( Jammu Kashmir Police) का ऑपरेशन ऑल आउट ( Operation All Out ) लगातार जारी है. पिछले कुछ समय में जम्मू-कश्मीर पुलिस कई बड़े ऑपरेशन में संकड़ों आतंकियों...

Updated on: 09 Feb 2023, 11:08 PM

highlights

  • जम्मू-कश्मीर पुलिस हो रही हाईटेक
  • स्पेशल फायरिंग रेज में हो रही ट्रेनिंग
  • ट्रेनिंग सेंटर में शूटिंग एक्यूरेसी पर भी रहती है नजर

जम्मू/नई दिल्ली:

Modern Containerised Shooting Range: आतंकियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस ( Jammu Kashmir Police) का ऑपरेशन ऑल आउट ( Operation All Out ) लगातार जारी है. पिछले कुछ समय में जम्मू-कश्मीर पुलिस कई बड़े ऑपरेशन में संकड़ों आतंकियों को मार चुकी है. ऐसे में भविष्य में सामने आने वाली चुनौतियों और अलग-अलग ऑपरेशन को सटीक तरीके से अंजाम देने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस अपने जवानों के लिए Modern Containerised Shooting Range लेकर सामने आई है. जहां से जम्मू कश्मीर पुलिस को उन जवानों को तराशने में मदद मिलेगी जो सटीक निशाना लगाने और किसी भी ऑपरेशन को बखूबी अंजाम देने में माहिर होंगे. जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगह इस नई Modern Containerised Shooting Range में जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों को AK 47 के साथ साथ दूसरे सोफिस्टिक्टेड हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही है.

कमांड सेंटर से कनेक्ट रहते हैं कम्यूटर

जम्मू और कश्मीर में लाई गई Modern Containerised Shooting Range में फिलहाल दो-दो ट्यूब लगी है, जिसके अंदर जवान अलग अलग टारगेट पर फायरिंग करते है. इन ट्यूब्स में जवान 10 मीटर से लेकर 300 मीटर तक फायरिंग कर सकते है. ये शूटिंग रेंज कंट्रोल रूम में कंप्यूटर से कनेक्ट रहती है. जिसमें हर शूट के हिसाब से जवान की शूटिंग एक्यूरेसी को आसानी से चेक किया जा सकता है. इस शूटिंग रेंज के अंदर CCTV कैमरा लगे हुए है जो कमांड सिस्टम से कनेक्ट रहते है. कमांड सिस्टम में बैठा इंस्ट्रक्टर लागतार जवान को फायरिंग को लेकर निर्देश देता रहता है. इस मॉर्डन शूटिंग रेंज में जवान तीन पोजिशन में शूटिंग कर सकता है, जिसमें Standing Position, Kneeing Position और Laying Position. सबसे बड़ी बात ये है की इस शूटिंग रेंज में समय की कोई बंदिश नहीं है, किसी भी समय जवानों को यह ट्रेनिंग करवाई जा सकती है. 

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आतंकियों से निपटने के लिए तैयार हो रही जेके पुलिस

इस शूटिंग रेंज में ट्रेनिंग करने का सबसे बड़ा फायदा जवानों को ऑपरेशन के दौरान मिलेगा. आतंकियों के खिलाफ टेरर ऑपरेशन के दौरान जवानों के आतंकी मूवमेंट के दौरान कुछ सेकंड के लिए नजर आते है. उस दौरान जवान किस तरह से उस सिचुएशन में रिएक्ट कर सकता है. उस पूरी सिचुएशन को जवान इस फायरिंग रेंज के अंदर महसूस करके ऑपरेशन के दौरान इसी तरह से कार्रवाई कर सकता है. इस पूरे कॉन्टेनराइज शूटिंग रेंज का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे पुलिस में सबसे बेहतरीन शूटर्स की लिस्ट तैयार की जा सकती है और अलग अलग ऑपरेशन में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक जिस तरह से आतंकी और एंटी सोशल एलिमेंट लगातार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे है, उसी तरह से जम्मू कश्मीर पुलिस भी उनसे कई कदम आगे बढ़ कर उनका सफाया करने के लिए नए और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है.