Anantnag Encounter: किसी की 2 महीने की बेटी तो कोई पहले ही प्रयास में बना लेफ्टिनेंट, जानें अनंतनाग के जांबाजों की कहानी
Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में सेना के तीन जवान शहीद, पूरे देश की आंखें नम
highlights
- अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में देश के तीन जवान शहीद
- किसी की दो साल की बेटी तो कोई तीन बहनों का इकलौता भाई
- पूरे देश को इन जाबांजों की शहादत पर गर्व
New Delhi:
Anantnag Encounter: पूरे देश की आंखें एक बार फिर नम हैं. क्योंकि देश ने अपने जांबाजों को गंवाया. आतंकवाद ने देश के इन सिपाहियों को हमसे छीन लिया. दरअसल जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के जवानों ने हंसते हुए भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण त्याग दिए. इस मुठभेड़ में राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कर्नल मनप्रीत सिंह, डीएसपी हुमायूं भट्ट और मेजर आशीष चंडोक शहीद हो गए. आतंकियों की ओर से अचानक हुए हमले में सेना के इन तीनों ही जवान शहीद हो गए.
मिली जानकारी के मुताबिक जहां ये गोलीबारी हुई वो एक घना जंगल था. ऐसे में तुरंत कमांडिंग अधिकारियों को निकाला नहीं जा सका. ज्यादा खून बह जाने के कारण इन अधिकारियों की मौत हो गई. आइए इन तीनों ही जाबांज वीरों की जिंदगी पर डालते हैं एक नजर.
यह भी पढ़ें - Jawan: जवान लुक में फिल्म देखने पहुंचे SRK के नन्हे फैंस, स्टार ने ऐसे किया रिएक्ट
5 साल से अनंतनाग में पोस्टेड थे कर्नल मनप्रीत सिंह
राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट में तैनात कर्नल मनप्रीत सिंह बीते पांच वर्षों से ही अनंतनाग में पोस्टेड थे. उन्होंने 2019 से 2021 तक सेकेंड इन कमांड के तौर पर काम किया. शहीद मनप्रीत को सेना में उनके योगदान और कार्यों के लिए गैलेंट्री पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. मनप्रीत सिंह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गए. दो बच्चों में एक बेटा 7 वर्ष का और एक बेटी महज ढाई वर्ष की है. शहीद मनप्रीत सिंह की पत्नी पेशे से टीचर हैं. जबकि मनप्रीत के पिता और दादा भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. शहीद कर्नल के बच्चे फिलहाल अपने नाना-नानी के यहां हैं.
डीएसपी हुमायूं भट्ट ने आखिरी दम तक दुश्मनों की नाक में किया दम
डीएसपी हुमायूं भट्ट उन वीर जवानों में शामिल थे जो दुश्मनों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं थे. आतंकी हमले में गोलियां गलने के बाद भी हुमायूं का हौसल कम नहीं हुआ. उन्होंने आखिरी दम तक दुश्मनों की नाक में दम कर दिया. हुमायूं पुलवामा के ही निवासी थे. बुधवार को जब हुमायूं का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा उनके घर पहुंचा तो पत्नी गोदी में बेटी को लिए पति पर गर्व महसूस करती दिखीं. दरअसल शहीद भट्ट को गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. हुमायूं को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है.
तीन बहनों के इकलौते रक्षक थे आशीष
रक्षा बंधन का त्योहार अभी हाल में ही गुजरा था. शहीद मेजर आशीष धोनेक की तीन बहनों क्या पता था कि जिस कलाई पर वह राखी बांधती आई हैं रक्षा के वही हाथ अब उनके साथ नहीं होंगे. आतंकी हमले में शहीद हुए आशीष अपने पीछे अपनी तीन बहनों को अकेला छोड़ गए. दो वर्ष पहले आशीष मेरठ से जम्मू पोस्ट हुए थे. वैसे इनका मूल निवास हरियाणा के पानीपत में था. शहीद मेजर अपने पीछे पत्नी के अलावा दो वर्ष की मासूम बेटी छोड़ गए हैं.
इन तीनों ही जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है. उनकी शहादत पर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है. लेकिन एक और अपने वीर सपूतों को खोने का गम भी है और देश की आंखें नम भी हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट