सीएम केजरीवाल ने विधानसभा में पेश किया विश्वास मत प्रस्ताव, जानें सदन में और क्या कहा?
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया. इस दौरान उन्होंने सदन पटल पर विश्वास प्रस्ताव लाने की वजह भी बताई.
नई दिल्ली :
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया. इस दौरान उन्होंने सदन पटल पर विश्वास प्रस्ताव लाने की वजह भी बताई. सीएम ने कहा कि वे विश्वास प्रस्ताव लाकर यह दिखाना चाहता हैं कि, उनका एक भी विधायक नहीं टूटा और सभी पार्टी के साथ हैं. सीएम ने सदन को बताया कि कुछ दिन पहले दिल्ली में विपक्षी पार्टी के लोगों ने AAP के सात विधायकों से संपर्क कर कहा था कि, थोड़े दिनों में वे दिल्ली मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लेंगे. इसके साथ ही उन्हें पार्टी बदलने को कहा था.
AAP विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए का ऑफर
विपक्षी पार्टी इसके लिए AAP विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए और उनकी टिकट पर चुनाव लड़वाने का ऑफर भी दे रहे थे. मगर AAP विधायकों ने इस ऑफर से साफ इनकार कर दिया. इसके साथ ही सीएम केजरीवाल ने बताया कि, दिल्ली में विपक्षी पार्टी का असल मकसद तथाकथित शराब घोटाले की जांच करना नहीं है, बल्कि दूसरे राज्यों की तरह AAP नेताओं को गिरफ्तार कर दिल्ली में AAP की सरकार गिराना है.
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने मुख्यमंत्री के विश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए शनिवार को सदन में इस पर चर्चा करने की अनुमति दे दी. दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष की अनुमति लेकर सदन के पटल पर विश्वास मत का प्रस्ताव रखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, कुछ दिन पहले मेरी पार्टी के दो विधायक मेरे पास आए. दोनों ने आकर एक ही बात बताई कि विपक्षी पार्टी के लोगों ने उनसे मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कहा है.
इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों के उन लोगों ने कहा कि, उन्होंने पहले से ही आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों से संपर्क कर लिया है, जो AAP को छोड़कर उनकी पार्टी में आने के लिए मान गए हैं. इसके अलावा अभी और विधायकों से भी संपर्क कर रहे हैं.
AAP विधायकों ने ऑफर को नकारा
AAP विधायकों ने केजरीवाल को बताया कि, विपक्षी पार्टी के लोगों ने उन्हें 25-25 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया, साथ ही पार्टी की टिकट पर तुम्हें चुनाव लड़ा देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, इसके अलावा भी कुछ और चाहिए तो बता दें. AAP के दोनों विधायकों ने सीएम को बताया कि, उन्होंने विपक्षी पार्टी के ऑफर को स्वीकार नहीं किया, सीधा मना कर दिया.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके बाद हमने एक-एक कर अपने सभी विधायकों से संपर्क किया तो पता चला कि 21 तो नहीं, लेकिन विपक्षी पार्टी वालों ने हमारे 7 विधायकों से संपर्क किया था. आम आदमी पार्टी की सरकार को गिराने के लिए ये लोग पिछले कुछ सालों में कई बार ऑपरेशन चला चुके हैं. इन्होंने एक और ऑपरेशन करने की कोशिश की, लेकिन हमारे सभी विधायकों ने उन्हें साफ मना कर दिया.
विपक्षी पार्टी का मकसद AAP सरकार को गिराना
जाहिर तौर पर यह तथाकथित शराब घोटाला, कोई घोटाला नहीं है, इन्हें कोई जांच नहीं करनी है. हम सभी देख रहे हैं कि ये लोग दूसरे राज्यों में केवल झूठे-झूठे केस करके विपक्षी दलों को तोड़कर उनकी सरकारें गिरा रहे हैं. इन्होंने दिल्ली में भी तथाकथित शराब घोटाले की आढ़ में आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं गिरफ्तार कर लिया है और इनका मकसद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को गिराना है.
दिल्ली में चुनाव नहीं जीत सकता विपक्ष...
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विपक्षी पार्टी को पता है कि ये लोग अपनी पूरी जिंदगी भी लगा देंगे तब भी दिल्ली में चुनाव नहीं जीत सकते. इसलिए ये किसी भी तरह से छल कपट करके दिल्ली की सरकार गिराकर अपनी सरकार बनाना चाहते हैं. लेकिन हम पर ऊपर वाले की दया है और जनता का विश्वास है कि इनका यह प्रयास भी असफल रहा.
दिल्ली और देश की जनता को दिखाने के लिए कि इनके तमाम प्रयासों के बावजूद हमारा एक भी विधायक नहीं टूटा, हमारे सारे विधायक आज भी हमारे साथ हैं. इसलिए मैं विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से सदन के पटल पर यह विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर रहा हूं कि यह सदन मंत्रीपरिषद में विश्वास व्यक्त करता है.
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