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चाचा पशुपति ने भतीजे को दिया आशीर्वाद, चिराग ने कहा- नो थैंक्स, अब साथ नहीं चाहिए

पशुपति पारस और चिराग पासवान के रिश्ते में खटास कम होता नजर ही नहीं आ रहा है. एक तरफ जहां बैकफुट में पशुपति पारस ने लोकसभा चुनाव में भतीजे को आशीर्वाद दे रहे हैं तो दूसरी तरफ चिराग ने नो थैंक्स कह दिया.

Updated on: 08 Apr 2024, 12:52 PM

highlights

  • चाचा ने भतीजे को चुनाव को लेकर दिया आशीर्वाद
  • चिराग ने कहा- नो थैंक्स, अब साथ नहीं चाहिए
  • 'मेरी लड़ाई बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट'

Patna:

पशुपति पारस और चिराग पासवान के रिश्ते में खटास कम होता नजर ही नहीं आ रहा है. एक तरफ जहां बैकफुट में आकर पशुपति पारस ने लोकसभा चुनाव में भतीजे की मदद करने की बात कही तो दूसरी तरफ चिराग ने नो थैंक्स कह दिया. इतना ही नहीं चिराग ने यहां तक कह दिया कि जब चाचा को बुरे वक्त में याद नहीं आई, तो अब साथ नहीं चाहिए. चिराग के इस बयान के बाद से ऐसा लग रहा है कि वे चाचा पशुपति पारस के साथ रिश्ते सुधारने में इंटरेस्टेड नहीं है. इसके साथ ही चिराग ने यह भी कहा कि चाचा ने ही मुझे घर-परिवार से बाहर निकालकर फेंक दिया था. लिहाजा मैं अब इन चीजों से काफी आगे बढ़ चुका हूं. वहीं, हाजीपुर लोकसभा सीट से चिराग पासवान अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. बता दें कि हाजीपुर सीट को लेकर चाचा-भतीजे लगातार दावा ठोंक रहे थे. 

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चिराग ने कहा- नो थैंक्स, अब साथ नहीं चाहिए

दरअसल, चिराग पासवान के पिता दिवंगत रामविलास पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से 9 बार सांसद रह चुके हैं. रामविलास पासवान का हाजीपुर में दबदबा रहा है, लेकिन जब उन्होंने यहां से चुनाव लड़ना बंद किया तो उनके भाई पशुपति पारस ने हाजीपुर से प्रत्याशी बनाए गए. पशुपति पारस ने भी यहां से जीत दर्ज की. वहीं, राजनीति में एंट्री के बाद चिराग ने अपने पिता की सीट से दावेदारी पेश की थी, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. जिसके बाद चिराग ने 2019 लोकसभा चुनाव जमुई से लड़ा और पशुपति पारस ने हाजीपुर से. आखिरकार 2024 लोकसभा चुनाव चिराग हाजीपुर सीट से लड़ने जा रहे हैं और अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं. 

'मेरी लड़ाई बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट'

वहीं, जब चिराग से चाचा से मिलने वाले आशीर्वाद के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने आशीर्वाद का हाथ मेरे सिर से क्यों हटाया, यह मुझे पता नहीं है. मुझे घर-परिवार से बाहर निकाल दिया गया. जब आप लोग बार-बार पूछते थे कि चिराग पासवान से कोई समझौता हो सकता है तो वे कहते थे कि सूरज पश्चिम से निकल जाएगा, लेकिन चिराग से मेरा कोई रिश्ता नहीं होगा. आगे चिराग ने कहा कि अगर मैं उनका सगा बेटो होता, तो इसी तरह से मुझे बाहर निकाल देते. खैर, मैं अब इन चीजों से आगे निकल चुका हूं. मेरी लड़ाई बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट से है और इसी के साथ आगे बढ़ना है. इन चीजों को पीछे छोड़ चुका हूं.