logo-image

सुशील मोदी का बड़ा बयान, कहा- आरजेडी-जेडीयू में सबकुछ ठीक नहीं

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने यह दावा किया है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है.

Updated on: 17 Jan 2024, 02:39 PM

highlights

  • सुशील मोदी का बड़ा बयान
  • कहा- आरजेडी-जेडीयू में सबकुछ ठीक नहीं
  • लालू ने नीतीश से बनाई दूरी

Patna:

बिहार में आगामी चुनाव से पहले सियासी गर्माहट बढ़ती जा रही है. आरजेडी और जेडीयू तो अपने रिश्ते में किसी प्रकार का कोई खटास बताने से इनकार कर रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी भाजपा लगातार यह कहती नजर आ रही है कि महागठबंधन की सरकार में सबकुछ ठीक नहीं है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने यह दावा किया है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. आरजेडी और जेडीयू में घमासान मचा हुआ है. इसके साथ ही सुशील मोदी ने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कभी भी नीतीश कुमार को बिहार के सीएम की कुर्सी से हटाकर अपने बेटे तेजस्वी यादव को सीएम बना सकते हैं. 

यह भी पढ़ें- अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होंगे लालू, कही ये बात

'आरजेडी-जेडीयू में सबकुछ ठीक नहीं'

इस बीच जेडीयू के मंत्री सिर्फ कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए नीतीश कुमार को बिहार का भविष्य बता रहे हैं, जबकि नीतीश खुद ही तेजस्वी को बिहार का भविष्य घोषित कर चुके हैं. सुशील मोदी ने आगे कहा कि नीतीश कुमार 78 विधायकों की पार्टी आरजेडी की कृपा से सीएम बने हुए हैं और लालू यादव जब चाहें, उन्हें कुर्सी से हटाकर अपने बेटे को मुख्यमंत्री बना सकते हैं. दोनों के बीच यह पहले ही तय हो चुका था. सुशील मोदी ने कहा कि मकर संक्रांति पर भी नीतीश राबड़ी आवास पहुंचे और वहां सिर्फ 7 मिनट ही रुके. लालू ने नीतीश से दूरी बनाई और उन्हें दही का टीका तक नहीं लगाया. 

यह भी पढ़ें- Bihar Weather Update Today: बिहार में ठंड और शीतलहर से लोग परेशान, पटना IMD ने जारी की अलर्ट

नीतीश कुमार खुद बिहार का भविष्य तेजस्वी को बता रहे

वहीं, आरजेडी और जेडीयू में सबकुछ ठीक नहीं है. सिर्फ जेडीयू कार्यकर्ताओं का मनोबल ना टूटे, इसलिए नीतीश कुमार को बिहार का भविष्य बताया जा रहा है. जबकि खुद नीतीश कुमार बिहार का भविष्य तेजस्वी यादव को बता रहे हैं. इसके साथ ही कहा कि 2020 में नीतीश कुमार 75 विधायकों वाली भाजपा की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे, जबकि उनके पास सिर्फ 44 विधायक थे. पहली बार भी नीतीश कुमार भाजपी की कृपा से 2001 में मुख्यमंत्री बने थे, उस समय भगाजपा के 67 विधायक और उनकी पार्टी के 37 विधायक थे.