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पटना से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज, सुशील मोदी बोले- जरूरत पड़ने पर खुल सकते हैं दरवाजे

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजनीति में दरवाजा हमेशा बंद नहीं करते. कई बार बंद दरवाजे खुलते हैं. हालांकि, गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेता है.

Updated on: 26 Jan 2024, 02:00 PM

नई दिल्ली:

बिहार में सियासी उठापटक पर मंथन तेज हो गया है. नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के साथ आ सकते हैं. ऐसा इसलिए कि पिछले कुछ समय से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच दूरियां बढ़ी-बढ़ी नजर आ रही हैं. वहीं, बयानबाजी का दौर भी शुरू हो चला है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजनीति में दरवाजा हमेशा बंद नहीं करते. कई बार बंद दरवाजे खुलते हैं. हालांकि, गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेता है. इसको लेकर पटना से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज हो गई है. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, महामंत्री नागेंद्र जी, समेत कई दिग्गज नेता दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी के सभी विधायकों और एमएलसी को पटना बुला लिया गया है. सभी को पार्टी कार्यालय में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है.

नीतीश कुमार ही रहेंगे सीएम

सियासी घटनाक्रम के बीच खबर है कि बिहार में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और जेडीयू में लगभग सहमति बन चुकी है. जल्द ही औपचारिक ऐलान किया जाएगा. हालांकि, बीजेपी सूत्रों की मानें तो बिहार में लोकसभा चुनाव तक नीतीश कुमार ही सीएम रह सकते हैं. वहीं, सुशील मोदी डिप्टी सीएम बन सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर है. नेताओं का कहना है कि सीट शेयरिंग को लेकर अभी बातचीत होना बाकी है. इस पर सहमति बनने के बाद ही फैसला लिया जाएगा.  इधर जेडीयू ने भी सभी विधायकों को पटना बुलाया है. संभावना है कि पार्टी अपने विधायकों को पटना बुलाकर रायशुमारी कर रही है.

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पिछले दिनों नीतीश कुमार राजभवन जाकर राज्यपाल से भी मुलाकात की थी. नीतीश कुमार के नाराज होने की मुख्य वजह इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनना है. इंडिया गठबंधन को एक बैनर के नीचे लाने में नीतीश कुमार ने अहम भूमिका निभाई थी. जिसके बाद 28 दलों का गठबंधन इंडिया ब्लॉक अस्तिव में आया था. लेकिन गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर एक राय नहीं बनने से नीतीश कुमार आहत हो रहे थे. इसी को देखते हुए उन्होंने इंडिया गठबंधन से अलग होने का फैसला लिया है. 

इधर सियासी संग्राम के बीच राष्ट्रीय जनता के प्रमुख लालू यादव ने भी सभी विधायकों को पटना आने को कहा है. बताया जा रहा है कि लालू यादव सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे.