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आरजेडी नेता प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद, MLA अशोक सिंह हत्या मामले में हजारीबाग कोर्ट ने सुनाई सजा

झारखंड के हजारीबाग कोर्ट ने पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता प्रभुनाथ सिंह को 22 साल पुराने विधायक अशोक सिंह की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।

Updated on: 23 May 2017, 01:23 PM

highlights

  • आरजेडी नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा
  • विधायक अशोक सिंह की 1995 में हुई हत्या मामले में दोषी हैं प्रभुनाथ सिंह

नई दिल्ली:

झारखंड के हजारीबाग कोर्ट ने पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता प्रभुनाथ सिंह को 22 साल पुराने विधायक अशोक सिंह की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।

18 मई को हजारीबाग कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनाानथ सिंह और रितेश सिंह को दोषी ठहराया था।

जनता दल विधायक अशोक सिंह 1995 में बिहार में मशरक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इस चुनावी जीत के 90 दिन बाद ही उनकी हत्या कर दी गई थी।

1995 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल में थे और बाद में वह जनता दल (युनाइटेड) शामिल हो गए। मौजूदा समय में वह लालू यादव की पार्टी आरजेडी में हैं।

अशोक सिंह के भाई तारकेश्वर सिंह ने एक समाचार चैनल से कहा था, 'मेरे भाई ने 1995 में प्रभुनाथ सिंह को चुनाव में हरा दिया था। इसके बाद प्रभुनाथ ने खुले तौर पर कहा था कि मेरे भाई के विधायक बनने के 90 दिनों के भीतर उसकी हत्या कर दी जाएगी और 90 दिन बाद उसकी हत्या कर दी गई।'

इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिहार से झारखंड की हजारीबाग अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था।

प्रभुनाथ सिंह ने सिवान के महाराजगंज संसदीय सीट से 2004 में पहली बार सांसद का चुनाव जीता। पहले जनता दल, फिर जदयू से जुड़कर वे लगातार महाराजगंज की राजनीति में सक्रिय रहे।

2009 में हुए लोकसभा चुनाव में आरजेडी के प्रत्याशी उमाशंकर सिंह ने प्रभुनाथ को तीन हजार वोटों से हरा दिया था। 2012 में प्रभुनाथ सिंह नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से अलग होकर आरजेडी में शामिल हो गए। प्रभुनाथ सिंह की छवि बाहुबली नेता के तौर पर रही है।

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