logo-image

ओडिशा सरकार ने साल 2015 से अब तक दुती चंद को दिए 4.09 करोड़ रुपये

दुती चंद ने कहा था कि उन्होंने अपनी बीएमडब्ल्यू कार को बेचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. उनके पास लक्जरी कार को मेनटेन करने के लिए संसाधन नहीं हैं.

Updated on: 16 Jul 2020, 08:17 PM

भुवनेश्वर:

भारत की स्टार महिला धावक दुती चंद के टोक्यो ओलम्पिक की तैयारियों के लिए अपनी कार बेचने की खबरों के बीच ओडिशा सरकार ने कहा है कि उसने 2015 से अब तक दुती को 4.09 करोड़ रुपये वित्तीय सहायता के रूप में दिया है. दुती ने हाल ही में अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया था कि वह अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी के लिए अपनी कार बेच रही हैं. उन्होंने हालांकि बाद में यह पोस्ट हटा दी लेकिन तब तक इसे लेकर देश में सुर्खियां बन गई थीं.

ये भी पढ़ें- स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की वापसी टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों के लिए चिंता का विषय नहीं : गौतम गंभीर

ओडिशा सरकार के खेल विभाग ने एक बयान में कहा, "दुती को एशियाई खेल 2018 में पदक जीतने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में तीन करोड़ रुपये, 2015-19 के दौरान प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के लिए 30 लाख रुपये, टोक्यो ओलंपिक के लिए प्रशिक्षण 50 लाख रुपये दिए गए हैं. राज्य सरकार ने दुती चंद को ओडिशा खनन निगम (ए गोल्ड श्रेणी पीएसयू) में समूह-ए के स्तर की अधिकारी के रूप में नियुक्त किया. वह वर्तमान में 84,604 रुपये (जून 2020 वेतन) प्रति माह के रूप में ले रही हैं. उन्हें कार्यालय आने की जरूरत नहीं है ताकि वह प्रशिक्षण पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें."

ये भी पढ़ें- रबाडा ने 3TC कप से वापस लिया अपना नाम, क्रिस मॉरिस भी उपलब्ध नहीं

ओडिशा सरकार ने कहा, "तदनुसार, ओएमसी में उनकी नियुक्ति के बाद से, उन्हें कोई आधिकारिक काम नहीं सौंपा गया है. ओएमसी ने प्रशिक्षण और वित्तीय प्रोत्साहन के लिए 29 लाख रुपये प्रदान किए हैं." दुती ने बुधवार को ट्विटर पर एक बयान में कहा था कि इसका उनके प्रशिक्षण के लिए धन की कमी से कोई लेना देना नहीं है. दुती ने कहा कि उन्होंने अपनी सेडान कार इसलिए बेची क्योंकि वह कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) और ओडिशा सरकार पर बोझ नहीं डालना चाहती थीं.

ये भी पढ़ें- बीसीसीआई की शीर्ष परिषद बैठक में एफटीपी, एनसीए और घरेलू क्रिकेट पर होगी चर्चा

उन्होंने कहा था, "मैंने अपनी कार बीएमडब्ल्यू को बेचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. मेरे पास लक्जरी कार को मेनटेन करने के लिए संसाधन नहीं हैं. हालांकि, मैं उससे अभी भी बहुत प्यार करती हूं. मैंने कभी यह नहीं कहा कि मैं इसे अपने प्रशिक्षण के लिए बेच रही हूं. ओडिशा सरकार और मेरे अपने केआईआईटी विश्वविद्यालय ने हमेशा मेरा समर्थन किया है. इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मेरा प्रशिक्षण बहुत महंगा है, खासकर 2021 ओलंपिक के लिए. मैं केवल यह चाहती थी कि यह पैसा मेरे प्रशिक्षण के लिए डायवर्ट किया जा सकता है और राज्य सरकार से धन प्राप्त करने के बाद कोविड के बाद एक कार खरीदी जा सकती है."