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World Championship Final: छठे गोल्ड पर मैरी कॉम का चला जादू, बनीं चैंपियन

भारत की दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम शनिवार को विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 48 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में यूक्रेन की बॉक्सर हन्ना को हरा दिया.

Updated on: 24 Nov 2018, 04:28 PM

नई दिल्ली:

भारत की दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम शनिवार को विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 48 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में यूक्रेन की बॉक्सर हन्ना को हरा दिया. पांच बार की वर्ल्ड चैम्पियन मैरीकॉम ने विश्व मुक्केबाजी में अब तक छह पदक जीते हैं। अगर आज वो इस खिताबी मुकाबले में जीत दर्ज कर पाने में कामयाब रहती हैं तो वह विश्व चैम्पियनशिप में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाली महिला मुक्केबाज हो जाएंगी.

मैरी कॉम ने आखिरी बार 18 सिंतबर 2010 में ब्रिजटाउन बारबाडोस में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप का मुकाबला खेला था और लाइट फ्लाइवेट (48kg) में रोमानिया की स्टेलुटा दुता को हराकर अपने नाम 5वां विश्व खिताब किया था.

बता दें कि आयरलैंड की केटी टेलर भी 5 स्वर्ण के साथ 6 पदक जीत चुकी हैं। चूंकि केटी अब प्रोफेशनल बॉक्सर बन गई हैं, इस कारण उन्होंने इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया।

ऐसे में मैरीकॉम अब विश्व चैम्पियनशिप में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाली महिला मुक्केबाज हो गईं है लेकिन अगर वह गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हो जाती हैं तो आयरलैंड की कैटी टेलर को पछाड़कर वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में 6 गोल्ड जीतने वाली पहली महिला बॉक्सर बन जाएंगी। इसके साथ ही वह वर्ल्ड चैंपियनशिप के इतिहास में 6 गोल्ड जीतने के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगी।

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अभी यह रिकॉर्ड पुरुष बॉक्सिंग में क्यूबा के फेलिक्स सेवोन के नाम है, सेवोन ने 1997 में बुडापेस्ट में आयोजित हुई चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था। फिलहाल मेरी और टेलर 5-5 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीतकर बराबरी पर हैं.

सेमीफाइनल मैच जीतने के बाद मैरी कॉम ने कहा, 'इस खिलाड़ी को मैंने पिछली बार एशियन चैम्पियनशिप के फाइनल में हराया था। इस बार में पूरी तरह से तैयार होकर आई थी और इसलिए एकतरफा मात दी। मैंने उन्हें अपने ज्यादा करीब नहीं आने दिया। चाहे हमे जीतें या हारें हर मुक्केबाज कुछ न कुछ सीखता है कि उसकी क्या कमजोरी है। उसका डिफेंस कमजोर है या अटैक और इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए वह अपने खेल में सुधार करता है।'

उन्होंने कहा, 'मैं हना को देखूंगी और उनके खेल पर ध्यान दूंगी। फाइनल में मैं कोशिश करूंगी की जीत हासिल कर सकूं। यहां के दर्शकों ने मुझे बहुत समर्थन दिया है। मैं अपने साथ-साथ देश को भी गर्व करने का मौका दूंगी।'

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मैरी कॉम इससे पहले हना को पौलेंड में खेले गए टूर्नामेंट में मात दे चुकी हैं।

विश्वकप में मैरीकॉम के जीते हुए अब तक के 5 गोल्ड
2001 (पेंसिल्वेनिया) : सिल्वर
2002 (तुर्की): गोल्ड
2005 (रूस): गोल्ड
2006 (दिल्ली): गोल्ड
2008 (चीन): गोल्ड
2010 (बारबाडोस): गोल्ड