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Karnataka Elections: वंशवादी राजनीति का भी बोलबाला, पिता-पुत्री तो पिता-पुत्र भी समर में... जानें

देवेगौड़ा अपने दो बेटों एच डी कुमारस्वामी (चन्नपाटना सीट) और एचडी रेवन्ना (होलेनरसीपुरा सीट) और एक पोते निखिल कुमारस्वामी (एचडी कुमारस्वामी के बेटे) के साथ रामनगर के पारिवारिक गढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं. वर्तमान में यह सीट निखिल की मां अनीता के पास है.

Updated on: 26 Apr 2023, 01:49 PM

highlights

  • बेल्लारी के रेड्डी परिवार के सबसे ज्यादा चार सदस्य चुनावी समर में
  • बीजेपी ने पिता या पति के स्थान पर किसी अन्य पर खेला चुनावी दांव
  • 92 साल की उम्र में पूर्व लोकसभा सदस्य शिवशंकरप्पा सबसे उम्रदराज


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बेंगलुरु:

कर्नाटक चुनावों में भी राजनीतिक वंशवाद (Dynasty Politics) जारी है, जिसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सात परिवारों से एक से अधिक लोगों को, चार को कांग्रेस (Congress) ने और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) के जनता दल सेक्युलर (JDS) ने दो परिवार के लोगों को मैदान में उतारा है. भाजपा ने भी पिता या पति के स्थान पर उनके परिवार के सदस्यों के क्रम में छह उम्मीदवारों को टिकट दिया है. परिवारवादी उम्मीदवारों में बेल्लारी के रेड्डी परिवार के सदस्यों की संख्या सबसे अधिक है. इस परिवार के चार सदस्य चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) लड़ रहे हैं. बेल्लारी सिटी के उम्मीदवार और विधायक सोमशेखर रेड्डी और हरपनहल्ली से विधायक बड़े भाई करुणाकर रेड्डी चुनावी समर में हैं. इनके अलावा एक अन्य भाई पूर्व मंत्री और खनन व्यवसायी जनार्दन रेड्डी (Janardhana Reddy) ने भाजपा से इस्तीफा दे कल्याण राज्य प्रगति पार्टी का गठन किया था. अब वे गंगावती से और उनकी पत्नी अरुणा लक्ष्मी बेल्लारी सिटी से अपने ही रिश्तेदार के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. सोमशेखर ने इस साल की शुरुआत में ही कह दिया था कि वह अपने भाई के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं.

देवेगौड़ा भी नहीं हैं वंशवादी राजनीति में पीछे
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा का परिवार और जरकीहोली बंधु वंशवादी राजनीति में दूसरे स्थान पर आते हैं. देवेगौड़ा अपने दो बेटों एच डी कुमारस्वामी (चन्नपाटना सीट) और एचडी रेवन्ना (होलेनरसीपुरा सीट) और एक पोते निखिल कुमारस्वामी (एचडी कुमारस्वामी के बेटे) के साथ रामनगर के पारिवारिक गढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं. वर्तमान में यह सीट निखिल की मां अनीता के पास है. रेवन्ना के बेटे प्रज्वल वर्तमान में जद (एस) के एकमात्र सांसद हैं, जबकि उनके छोटे बेटे सूरज एमएलसी हैं. बेलगावी जिले में रमेश और बालचंद्र बीजेपी के टिकट पर गोकाक और अराभवी सीट से, तो सतीश कांग्रेस के टिकट पर रायचूर से चुनाव लड़ रहे हैं. रमेश पहले कांग्रेस में थे और 2019 में भाजपा के हो गए थे, जिनका इस क्षेत्र में राजनीतिक दबदबा है. रमेश ने कथित तौर पर एक दर्जन से अधिक विधायकों के दलबदल का आयोजन किया था, जिसके परिणामस्वरूप जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन शासन का अंत हुआ.  रमेश ने इस साल की शुरुआत में कहा था, 'अगर पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है, तो भी हम कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनाएंगे.'

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परिवार के लोग भी हैं आमने-सामने
बेलगावी जिले में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले दिवंगत मंत्री और लिंगायत नेता उमेश कट्टी के परिवार को भी दो टिकट मिले हैं. रमेश कट्टी को चिक्कोडी-सदलगा सीट से गणेश हुक्केरी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए चुना गया है. वह निखिल कट्टी के चाचा हैं, जिन्हें हुक्केरी सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. परिवहन मंत्री बी श्रीरामुलु और उनके भतीजे सुरेश बाबू को भाजपा ने क्रमश: बल्लारी ग्रामीण और कामप्ली क्षेत्रों से मैदान में उतारा है. पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा के बेटे कुमार और मधु आगामी चुनावों में फिर से दो अलग-अलग दलों की ओर से आमने-सामने हैं. कुमार बंगारप्पा शिवमोगा जिले के सोराब से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे, जबकि मधु वहीं से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।

92 साल की उम्र के सबसे उम्रदराज उम्मीदवार
बेंगलुरु में सीवी रमन नगर के विधायक एस रघु विधायक और पूर्व मंत्री अरविंद लिंबावली के बहनोई हैं. लिंबावली बेंगलुरु के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं. इस बार भाजपा ने लिंबावली को टिकट नहीं दिया है. उनके स्थान पर बीजेपी ने महादेवपुरा से उनकी पत्नी मंजुला को चुना है. कालबुर्गी जिले के अफजलपुर से चुनाव लड़ने के लिए पूर्व मंत्री मलिकय्या गुट्टेदार और अलंद के विधायक सुभाष गुट्टेदार आपस में रिश्तेदार हैं. दोनों बीजेपी के उम्मीदवार हैं. कांग्रेस ने दावणगेरे से शमनूर शिवशंकरप्पा और उनके बेटे एसएस मल्लिकार्जुन को मैदान में उतारा है. 92 साल की उम्र में पांच बार के विधायक और पूर्व लोकसभा सदस्य शिवशंकरप्पा सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं, जबकि दावणगेरे उत्तर से मल्लिकार्जुन चुनाव लड़ रहे हैं. शिवशंकरप्पा खुद को चुनावी अखाड़े में 'सरपट दौड़ने वाला घोड़ा' करार देते हैं. वह कहते हैं, 'दौड़ के लिए केवल सरपट दौड़ने वाले घोड़ों को ही चुना जाता है. मैं ऐसा ही एक घोड़ा हूं और मैं चुनाव में सबसे ज्यादा अंतर से जीतूंगा.'

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पिता-पुत्री और पिता-बेटे की जोड़ियां भी चुनावी समर में 
बेंगलुरु में पूर्व गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी और सौम्या पिता-पुत्री की जोड़ी चुनाव मैदान में हैं. वर्तमान में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रामलिंगा रेड्डी बीटीएम लेआउट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि उनकी बेटी जयनगर सीट से उम्मीदवार हैं. एक अन्य पिता-पुत्री के क्रम में केएच मुनियप्पा देवनहल्ली (एससी) सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, जबकि उनकी बेटी रूपकला एम सुरक्षित सीट कोलार गोल्ड फील्ड की उम्मीदवार हैं. एम कृष्णप्पा और उनके बेटे प्रियकृष्ण कांग्रेस के टिकट पर क्रमशः विजयनगर और गोविंदराज नगर से चुनाव लड़ेंगे. जद (एस) में एचडी देवेगौड़ा परिवार के अलावा, जीटी देवेगौड़ा चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार हैं, जबकि उनके बेटे हरीश गौड़ा को हुंसुर से उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि कांग्रेस और जद (एस) के विपरीत भाजपा ने आगामी चुनावों के लिए माता-पिता की किसी भी जोड़ी को मैदान में नहीं उतारा है. पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत समुदाय के मजबूत नेता बीएस येदियुरप्पा ने अपने छोटे बेटे विजयेंद्र के पहले चुनाव के लिए शिवमोगा जिले के शिकारीपुर से अपनी सीट खाली कर दी. उनकी जगह पर्यटन मंत्री आनंद सिंह के बेटे सिद्धार्थ सिंह को विजयनगर से उम्मीदवार बनाया गया है.