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मोदी का 'विजय मंत्र'! पसमांदा मुसलमानों का साथ.. मस्जिद-मंदिर संवाद.. यूं लोकसभा में चलेगा मोदी मैजिक

लोकसभा चुनाव के लिए हिंदुत्व की पॉलिटिक्स को धार देने में जुटी भाजपा, आखिर कैसे मुस्लिम समाज के बीच अपनी सियासी जमीन को मजबूत करेगी? चलिए इसका जवाब तलाशें...

Updated on: 12 Jan 2024, 05:44 AM

नई दिल्ली :

भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एक्शन मोड में आ चुकी है... जहां एक ओर अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का दुनियाभर में जोर-शोर से प्रचार-प्रसार हो रहा है, वहीं दूसरी ओर भगवा पार्टी मुस्लिम वोट बैंक हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है. इसके लिए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा, कल यानि 12 जनवरी से 'शुक्रिया मोदी भाईजान' अभियान शुरू करने जा रही है, जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी... पार्टी ने इसके लिए 'न दूरी है, न खाई है... मोदी हमारा भाई है' का नारा भी तय कर लिया है...

ऐसे में यहां सवाल है कि, लोकसभा चुनाव के लिए हिंदुत्व की पॉलिटिक्स को धार देने में जुटी भाजपा, आखिर कैसे मुस्लिम समाज के बीच अपनी सियासी जमीन को मजबूत करेगी? इसका जवाब कुछ वक्त पहले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित एक विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन में तलाशा जा सकता है, जहां स्वयं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पार्टी को संबोधित किया गया था.

यूं सियासी पिच मजबूत करेगी भाजपा... 

जब राजनीतिक पंडित इस आयोजन को लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के अभियान का आगाज करार दे रहे थे, ठीक उसी समय मोदी ने यहां अपने संबोधन में पसमांदा मुस्लिमों पर अपना फोकस स्पष्ट किया. इसका एक ही मतलब था कि, भाजपा आने वाले चुनाव में अपनी मुस्लिम पॉलिटिक्स की सियासी पिच मजबूत करने के लिए पसमांदा मुस्लिम समुदाय को टारगेट बना चुकी थी.


मुस्लिम कनेक्ट पॉलिटिक्स का खाका...

अल्पसंख्यकों के लिए कौशल विकास योजना.. मुस्लिम पसमांदा उत्थान.. योगी सरकार में दानिश आजाद अंसारी (पसमांदा समाज) को मंत्री पद.. ये वो कुछ चुनिंदा वाकये हैं, जो भाजपा की मुस्लिम कनेक्ट पॉलिटिक्स को स्पष्ट करती है, लिहाजा ये प्रमाण है कि भगवा पार्टी आगामी लोकसभा के लिए धर्म से ऊपर उठकर लाभार्थी वाले एंगल की रणनीति तैयार कर रही है.

मालूम हो कि भाजपा की इस रणनीति में मुख्य फोकस पर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से पिछड़े माने जाने वाले पसमांदा मुसलमान होंगे, जिनके सशक्तिकरण के साथ ही अल्पसंख्यकों का पार्टी से इमोशनल अटैचमेंट हासिल किया जा सकता है.


प्रचंड जीत का मोदी मंत्र...

इसके लिए अगर आगामी आम चुनाव से पूर्व भाजपा, मुस्लिम मतदाताओं में ये विश्वास पैदा कर देती है कि, पार्टी द्वारा उनके सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए तमाम कार्य किए गए हैं और किए जाएंगे, तो इस समुदाय के एक छोटे से वर्ग (पसमांदा) का मत हासिल कर, भाजपा का प्रचंड जीत तक का फासला कुछ अंतर से कम किया जा सकता है. 

जिसके लिए मोदी सरकार इन कुछ तमाम अभियानों और पैंतरों को आजमा रही है या आजमाएगी; शुक्रिया मोदी भाईजान अभियान, मस्जिद-मंदिर संवाद अभियान इसके अलावा मुस्लिम महिलाओं पर फोकस और सूफी संवाद.