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Janmashtami 2023: ये है दुनिया का सबसे बड़ा कृष्ण मंदिर, जानें इसकी 10 बड़ी खासियत

Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां विश्वभर के कृष्ण मंदिरों में शुरु हो चुकी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं विश्व का सबसे बड़ा कृष्णा मंदिर कहां है...

Updated on: 05 Sep 2023, 12:03 PM

नई दिल्ली:

Janmashtami 2023: हरे रामा, हरे कृष्णा... ये मंत्र आप हर कृष्ण भक्त को जपते हुए विश्वभर में देख सकते हैं लेकिन अब इंडिया में विश्व का सबसे बड़ा कृष्ण मंदिर बस तैयार ही होने वाला है. ये विशाल कृष्ण मंदिर अयोध्या के राम मंदिर से भी कई गुना बड़ा बन रहा है. देसी हो या विदेशी हर कृष्ण भक्त के पैसे इस मंदिर निर्माण में लग रहे हैं. लगभग 800 करोड़ रुपये से भी अधिक लागत से तैयार हो रहे इस मंदिर का निर्माण कार्य 2009 से चल रहा है. कहा जा रहा है कि 2023 में इसका 80 प्रतिशत काम खत्म हो जाएगा और श्रद्धालूओं के लिए इसके कपाट खुल जाएंगे. इस मंदिर में क्या खास है आइए जानते हैं. 

दुनिया के सबसे बड़े कृष्ण मंदिर की खासियत (World's Largest Krishna Temple)

कहां है ये मंदिर - भारत के कोलकाता से 130 किलोमीटर दूर पश्चिमी बंगाल के नदिया जिले के मायापुर में ये कृष्ण मंदिर तैयार हो रहा है. 

कौन बनवा रहा है ये कृष्ण मंदिर - इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्सियशनेस जिसे इस्कॉन (ISKCON) कहते हैं इस मंदिर का निर्माण करवा रही है. 

मंदिर का चेयरमैन कौन है - मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कृष्णा मंदिर का चेयरमैन एक अमेरिकन है. यूएस की मशहूर ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ट के संस्‍थापक अल्फ्रेड फोर्ड इस मंदिर के चेयरमैन हैं

कितना बड़ा है ये कृष्ण मंदिर - 6 लाख स्क्वायर फीट से भी ज्यादा जगह में ये मंदिर मबन रहा है. मंदिर की 7 मंजिला इमारत में 1.5 एकड़ में फैला एक कीर्तन हॉल होगा जिसमें एक साथ 10,000 श्रद्धालू भगवान कृष्ण के दर्शन कर पाएंगे.  

मंदिर में और क्या-क्या होगा - 7 फ्लोर के इस मंदिर में यूटिलिटी फ्लोर, टेंपल फ्लोर, पुजारी फ्लोर, टीचिंग फ्लोर के अलावा म्यूजियम फ्लोर भी शामिल हैं.

दुनिया का सबसे बड़ा पुजारी फ्लोर - 2.5 एकड़ का मंदिर में पुजारी फ्लोर होगा जहां एक साथ वो जमा होकर भगवान कृष्ण की पूजा की तैयारी करेंगे 

मंदिर का विशाल गार्डन - 45 एकड़ में इस कृष्ण मंदिर का गार्डन एरिया बनाया जा रहा है जिसकी खूबसूरती विश्व स्तर की होगी. 

विदेशों के आया है मार्बल दुनिया के कई अलग-अलग देशों से इस मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले मार्बल मंगवाए गए हैं. 

मंदिर के गुंबद का निर्माण अद्भूत है, इसे देखते ही भक्तों को दुनिया किसने, कब और क्यों बनायी ये जानकारी मिलेगी. जिस कारण इस गुंबद को वैदिक तारामंडल भी कहा जा रहा है. 

मंदिर की उंचाई 350 फीट होगी और मंदिर के शीर्ष पर लगा गुंबद का व्यास 177 मीटर का होगा. 

मंदिर का थीम - वेस्टर्न और वैदिक कल्चर को मिलाकर मंदिर का इंटीरियर तैयार किया गया है. इस मंदिर की खूबसूरती देखने लायक है. इंटीरियर डिजाइन में एक ओर जहां आपको पश्चिमी शैली की झलक देखने को मिलेगी वगीं मंदिर का वातावरण वैदिक संस्कृति का अहसास कराता नज़र आएगा. 

तो दुनिया के इस विशाल मंदिर में दर्शन करने के लिए बस अब आपको थोड़ा सा और इंतज़ार करना होगा. पश्चिम बंगाल में बन रहे इस मंदिर में लोद दूर-दूर से आएंगे. ये मंदिर कोलकत्ता से भी 130 किलोमीटर की दूरी पर होगा. तो आप अगर कृष्ण भक्त हैं तो इस मंदिर के कपाट खुलने का बस थोड़ा सा और इंतज़ार कर लीजिए. 

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