Hanuman Ji Life Lessons For children's: क्या आपके बच्चे भी करते हैं हनुमान जी जैसी ये शरारतें, तो बदल सकती है आपकी तकदीर
Hanuman Ji Life Lessons For children's: हनुमान जी की शरारतें हमें प्रेरणा देती हैं कि हम भी अपने जीवन में मासूमियत, शक्ति और दृढ़ संकल्प का समावेश करें.
नई दिल्ली :
Hanuman Ji Life Lessons For children's: बच्चे अपनी मासूमियत और चंचलता के लिए जाने जाते हैं. वे अक्सर ऐसी शरारतें करते हैं जो हमें गुस्सा दिला सकती हैं, हंसा सकती हैं, या हैरान कर सकती हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि भगवान हनुमान जी भी बचपन में शरारती थे? बच्चे स्वाभाविक रूप से जिज्ञासु और ऊर्जावान होते हैं, और वे दुनिया को सीखने और तलाशने के लिए शरारतें कर सकते हैं. हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चों को उनके कार्यों के संभावित परिणामों के बारे में सिखाएं और उन्हें उचित व्यवहार के बारे में मार्गदर्शन दें. हनुमान जी हमें सिखाते हैं कि अपनी शक्तियों का उपयोग अच्छे के लिए करना और हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना महत्वपूर्ण है. बच्चों की शरारतें कई बार हमें परेशान कर सकती हैं, लेकिन हनुमान जी भी बचपन में शरारती थे और रामायण में कई किस्से हैं जो हनुमान जी की शरारतों का वर्णन करते हैं.
हनुमान जी की शरारतें
सूर्य ग्रहण: हनुमान जी को भूख लगी और उन्होंने सूर्य को फल समझकर निगल लिया. इस घटना से दुनिया में अंधेरा छा गया. देवताओं ने हनुमान जी से सूर्य को छोड़ने का अनुरोध किया, तब जाकर दुनिया में फिर से प्रकाश आया.
सागर लांघना: सीता जी को रावण से मुक्त कराने के लिए जाते समय हनुमान जी ने समुद्र को लांघ दिया था. यह उनकी अद्भुत शक्ति का प्रमाण है.
सेना को धोखा: रावण की सेना को हराने के लिए हनुमान जी ने अपनी पूँछ में आग लगाकर पूरी लंका को जला दिया था.
शरारतों का महत्व
हालांकि हनुमान जी की शरारतें थोड़ी अजीबोगरीब लग सकती हैं, लेकिन वे उनकी चंचलता और जिज्ञासा का प्रतीक हैं. बच्चों की शरारतें भी इसी तरह उनकी सीखने और खोज करने की इच्छा को दर्शाती हैं. हनुमान जी की शरारतें उनकी अद्भुत शक्ति और साहस का प्रदर्शन करती हैं. किसी भी परिणाम की परवाह किए बिना जो सही है वह करने से नहीं डरते थे. भगवान राम के प्रति अत्यंत समर्पित थे और उनकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे. हनुमान जी की शरारतें हमें सिखाती हैं कि गलतियों से सीखना और सही मार्ग पर चलना महत्वपूर्ण है.
माता-पिता का दृष्टिकोण
हमें यह समझना चाहिए कि बच्चों की शरारतें हमेशा नकारात्मक नहीं होती हैं. कई बार ये उनकी रचनात्मकता और कल्पनाशीलता का प्रमाण भी हो सकती हैं. हमें धैर्य रखकर उनकी शरारतों को सही दिशा में मोड़ने का प्रयास करना चाहिए. अगर आपके बच्चे भी हनुमान जी जैसी शरारतें करते हैं, तो घबराएं नहीं. यह समझिए कि आप खुशकिस्मत हैं क्योंकि आपके पास एक जिज्ञासु, चंचल और ऊर्जावान बच्चा है. उनकी शरारतों को सही दिशा में मोड़कर उन्हें एक अच्छा इंसान बनाने का प्रयास करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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