Dhanteras 2016 : धनतेरस पर खरीददारी ना करना पड़ सकता है महंगा, पढ़ें इसके पीछे की कहानी
दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है। वह इस दिन सोना,चांदी से लेकर बर्तनों की खूब खरीददारी करते हैं।
नई दिल्ली:
दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है। वह इस दिन सोना,चांदी से लेकर बर्तनों की खूब खरीददारी करते हैं। लेकिन क्या आप धनतेरस के पीछे छिपी कहानी को जानते हैं? क्यों इस दिन सभी लोग खरीददारी करते हैं। जी हां, आज हम आपको धनतेरस के पीछे छिपी कहानी से रूबरू करवाएंगे।
धनतेरस पर भगवान धनवन्तरि की पूजा की जाती है, जो अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धनवन्तरि जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन वस्तुं खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है।
ये भी पढ़ें, दुनिया भर में इस शानदार अंदाज में मनाया जाता है दीपावली का पर्व
ज्योंतिषियों के अनुसार धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। अगर सम्भव न हो तो कोइ बर्तन खरिदे। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है।
धनतेरस की कहानी
इस प्रथा के पीछे एक लोक कथा है। किसी समय में एक राजा थे जिनका नाम हेम था। दैव कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। राजा ने जब बालक की कुण्डली बनाई तो पता चला कि बालक का विवाह जिस दिन होगा उससे ठीक चार दिन के बाद उसकी मृत्यु हो जाएगी। राजा इस बात को जानकर बहुत दुखी हुआ और राजकुमार को ऐसी जगह पर भेज दिया जहां किसी स्त्री की परछाई भी न पड़े। दैवयोग से एक दिन एक राजकुमारी उधर से गुजरी और दोनों एक दूसरे को देखकर मोहित हो गये और उन्होंने गन्धर्व विवाह कर लिया।
विवाह के पश्चात विधि का विधान सामने आया और विवाह के चार दिन बाद यमदूत उस राजकुमार के प्राण लेने आ पहुंचे। जब यमदूत राजकुमार प्राण ले जा रहे थे उस वक्त नवविवाहिता उसकी पत्नी का विलाप सुनकर उनका हृदय भी द्रवित हो उठा परंतु विधि के अनुसार उन्हें अपना कार्य करना पड़ा।
यमराज को जब यमदूत यह कह रहे थे उसी वक्त उनमें से एक ने यमदेवता से विनती की हे यमराज क्या कोई ऐसा उपाय नहीं है, जिससे मनुष्य अकाल मृत्यु से मुक्त हो जाए। दूत के इस प्रकार अनुरोध करने से यमदेवता बोले हे दूत अकाल मृत्यु तो कर्म की गति है इससे मुक्ति का एक आसान तरीका मैं तुम्हें बताता हूं सो सुनो।
ये भी पढ़ें, Dhanteras 2016 : इस तरह पूजा करने से धनतेरस पर होगी धन की वर्षा
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी रात जो प्राणी मेरे नाम से पूजन करके दीप माला दक्षिण दिशा की ओर भेंट करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। यही कारण है कि लोग इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी