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Demonetisation: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई नोटबंदी पर मुहर, खारिज की याचिका; फैसले को बताया सही

Supreme Court upholds the decision of the Central government taken in 2016 to denomination of Currency Notes: सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

Updated on: 02 Jan 2023, 12:30 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट का नोटबंदी पर बड़ा फैसला
  • केंद्र सरकार के फैसले को ठहराया सही
  • केंद्र सरकार ने आरबीआई से की थी बातचीत

नई दिल्ली:

Supreme Court upholds the decision of the Central government taken in 2016 to denomination of Currency Notes: सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही नोटबंदी विवाद का पूरी तरह से पटाक्षेप हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को पलटने की कोई वजह नहीं है, ऐसे में ये फैसला पलटा नहीं जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी से पहले ही सभी महत्वपूर्ण विभागों के साथ चर्चा की थी. और हरी झंडी लेने के बाद ही इस फैसले का ऐलान किया था. बता दें कि साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि अब से 500 और 1000 के करेंसी नोटों की वैधता समाप्त की जा रही है. इसे बैंकों में जमा करने के लिए कुछ समय का वक्त भी दिया गया था.

सरकार ने नोटबंदी के दौरान किया सही प्रक्रिया का पालन

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था. इस तरह के फैसले लेने के लिए सही तरीका भी अपनाया गया था. नोटबंदी किसी एक का फैसला नहीं था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरबीआई के पास नोटबंदी करने का अधिकार नहीं है. ऐसा सिर्फ केंद्र सरकार ही कर सकती है. इसके लिए आरबीआई के साथ सलाह-मशविरा किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद नोटबंदी के फैसले को चुनौती दी रहीं सभी याचिका को खारिज कर दिया और पूरे विवाद का पटाक्षेप कर दिया.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था नोटबंदी का ऐलान

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात आठ बजे ऐलान किया था कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया है. जिसके बाद अब से 500 और 1000 के नोट लीगल टेंडर नहीं रह जाएंगे. सरकार ने पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने के लिए समय भी दिया था. केंद्र सरकार ने कालेधन के खात्मे के लिए इस फैसले को जरूरी बनाया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने 2000 और 500 के नए नोट छापे थे. चूंकि उस समय देश में तरल मुद्रा की भारी कमी हो गई थी, ऐसे में मुद्रा की तरलता बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने 2000 के नोट जारी किये थे. जिसका आधिकारिक चलन अब भी है. हालांकि अब देश में 2000 के नए नोटों की छपाई अनाधिकारिक तौर पर बंद की जा चुकी है.