logo-image

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, दुश्मनों की बढ़ी चिंता

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण पर बधाई दी.

Updated on: 23 Mar 2022, 07:28 PM

नई दिल्ली:

भारत ने आज यानि बुधवार को अंडमान और निकोबार में सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. विस्तारित दूरी की मिसाइल ने सटीक निशाने पर लक्ष्य करने में सफलता हासिल की. रक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भारतीय वायुसेना ने सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का अंडमान निकोबार द्वीप समूह के एक द्वीप पर एक गतिशील मंच से सफल परीक्षण किया है. 

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण पर बधाई दी. वह परिचालन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए अंडमान और निकोबार के द्वीप क्षेत्र में हैं.  

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रेंज को हाल में बढ़ाकर 500 किमी करने में कामयाबी मिली थी. ऐसा सिर्फ सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने से संभव हो गया है. मिसाइल में कोई तब्दीली नहीं करनी पड़ी है. अब इस मिसाइल की क्षमता को 800 किमी तक करने में कामयाबी मिली है. लड़ाकू विमानों के जरिए बेहद ऊंचाई से भी इसे दूर तक छोड़ा जा सकता है. भारतीय वायुसेना ने अपने 40 सुखोई विमानों पर ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइलें तैनात की हैं. ये मिसाइलें ज्यादा घातक और ज्यादा दूर तक दुश्मन को चोट पहुंचा सकती हैं.

यह भी पढ़ें: अविश्वास प्रस्ताव पर PM इमरान खान की चेतावनी- अगर सरकार गिरी तो...

ब्रह्मोस मिसाइल को रूस के सहयोग से विकसित किया गया है. ये आवाज की गति से तीन गुना यानी 2.8 मैक की रफ्तार से उड़ती हैं. ये रडार को भी चकमा दे सकती है. पहले इसकी रेंज 290 किमी थी, जिसे बढ़ाकर 350-400 किया गया था. अब इसके 800 किमी वाले वेरिएंट पर काम किया जा रहा है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के एयर वर्जन का पिछले साल 8 दिसंबर को सुखोई 30एमकेआई से सफल टेस्ट किया गया था. अब इन्हें दूसरे लड़ाकू विमानों पर भी तैनात करने की योजना है.