logo-image

बीमारियों से लड़ने के लिए मजबूत स्वास्थ्य सेवा जरूरी : MoS Health

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने शुक्रवार को कहा कि बीमारियों से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और मजबूत करना होगा.  डायरिया रोग और पोषण पर कोलकाता में 16वें एशियाई सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. पवार ने कहा, साफ पानी, सुरक्षित और किफायती टीका, निदान और उपकरणों का प्रभावी उपयोग सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और सतत विकास लक्ष्यों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण निर्धारक हैं. सम्मेलन में भारत और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, अफ्रीकी देशों, अमेरिका, यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इसका विषय सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हैजा, टाइफाइड और अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण है.

Updated on: 11 Nov 2022, 03:43 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने शुक्रवार को कहा कि बीमारियों से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और मजबूत करना होगा.  डायरिया रोग और पोषण पर कोलकाता में 16वें एशियाई सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. पवार ने कहा, साफ पानी, सुरक्षित और किफायती टीका, निदान और उपकरणों का प्रभावी उपयोग सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और सतत विकास लक्ष्यों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण निर्धारक हैं. सम्मेलन में भारत और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, अफ्रीकी देशों, अमेरिका, यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इसका विषय सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हैजा, टाइफाइड और अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण है.

कोलकाता में डायरिया रोग और पोषण पर 16वें एशियाई सम्मेलन के आयोजन के लिए आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज के निदेशक और टीम को बधाई देते हुए डॉ पवार ने कहा, कुछ वर्षों में एएससीओडीडी ने संक्रामक बीमरियों की रोकथाम के लिए अच्छा काम किया है. ढाई वर्षों से वैश्विक स्तर पर चल रहे सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को कोविड-19 ने कैसे प्रभावित किया है, इस बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने सुनिश्चित किया है कि हम सभी को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करें. हमने अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए पहल की हैं.

डॉ पवार ने कहा कि सरकार ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि जनप्रतिनिधि होने के नाते यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि सेवाएं जरूरतमंदों तक पहुंचे. सेवाओं की तलाश में जरूरतमंदों को दर-दर भटकना न पड़े. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारतीय स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा विकसित हो रहा है, वह काबिलेतारीफ है और आने वाले वर्षों में दुनिया इसके द्वारा लाए गए बदलावों को देखेगी.

उन्होंने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली, अस्पताल प्रबंधन के लिए ई-अस्पताल, ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन ऐप जैसी विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा है कि कैसे भारत ने 219 करोड़ से अधिक के रिकॉर्ड तोड़ टीकाकरण के साथ एक विशाल आबादी के लिए मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाया. सम्मेलन 2030 तक हैजा को समाप्त करने के लिए रोडमैप सहित आंत्र संक्रमण, पोषण, नीति आदि मुद्दों पर केंद्रित है.