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सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस: सीबीआई की विशेष अदालत 21 दिसंबर को सुना सकती है फैसला

सीबीआई की एक विशेष अदालत सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति दोहरे कथित एनकाउंटर मामले में 13 साल बाद यानि 21 दिसंबर को फैसला सुना सकती है.

Updated on: 20 Dec 2018, 08:42 PM

नई दिल्ली:

सीबीआई की एक विशेष अदालत सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति दोहरे कथित एनकाउंटर मामले में 13 साल बाद यानि 21 दिसंबर को फैसला सुना सकती है. 2005 में हुए एनकाउंटर मामले में 22 लोग ट्रायल पर हैं, जिसमें अधिकतर पुलिसकर्मी शामिल है. साल 2005-2006 में हुए कथित गैंगस्टर सोहराबुद्दीन और प्रजापति के एनकाउंटर और सोहराबुद्दीन की पत्नी कौसर बी की गुमशुदगी ने देश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक जगत को हिला कर रख दिया था. इस मामले में कुल 37 लोगों को आरोपी बनाया गया था. साल 2014 में 16 लोगों को बरी कर दिया गया था. बरी किए गए लोगों में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री जी.सी. कटारिया, गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डी.जी. बंजारा, आईपीएस अधिकारी एन.के. अमीन और 12 अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.

ज्यादातर आरोपी पुलिसकर्मी गुजरात और राजस्थान के हैं. मामले में अंतिम बहस तीन दिसंबर को शुरू हुई थी, जो सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.जे. शर्मा के समक्ष पांच दिसंबर को समाप्त हुई. सीबीआई के मुताबिक, सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और साथी प्रजापति को गुजरात पुलिस ने अगवा कर लिया था. 22 और 23 नवंबर 2005 की रात यह तीनों हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली की ओर जा रहे थे. 26 नवंबर 2005 को शेख अहमदाबाद में कथित फेक एनकाउंटर में मारा गया था गया जबकि उनकी पत्नी को तीन दिन बाद मारा गया था.

1 साल बाद 27 दिसंबर 2006 को गुजरात राजस्थान के बॉर्डर छपरी के बाद पुलिस ने प्रजापति को मार दिया था. शुरुआत में गुजरात सीआईडी इस केस की जांच कर रही थी, जिसके बाद 2010 में सीबीआई के हाथों में कथित एनकाउंटर केस की कमान सौंपी गयी थी. सर्वोच्च न्यायालय के सितंबर 2012 के एक आदेश के तहत मामले को गुजरात से मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया था.

अभियोजन पक्ष ने 210 गवाहों की जांच की थी. उनमें से एक शेख के सहयोगी आज़म खान ने अपनी याचिका में दावा किया कि पूर्व पुलिस निरीक्षक अब्दुल रहमान ने उसे धमकाया था कि कहे मुताबिक नहीं बोलने पर उसे गलत केस में फंसा दिया जाएगा. पूर्व पुलिस निरीक्षक अब्दुल रहमान ने शेख पर कथित तौर पर गोली चलाई थी.