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Rahul Defamation Case: राहुल का राजनीतिक भविष्य तय करेगा केस, मानहानी मामले में 'सुप्रीम' सुनवाई

Rahul Defamation Case:  मोदी सरनेम को लेकर मानहानी के केस में राहुल गांधी की याचिका पर आज सर्वोच्च न्यायालय अपना फैसला सुना सकता है. इस केस की सुनवाई दो जजों की बेंच करेगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट के द्वारा सजा बरकार रखने के फैसल

Updated on: 21 Jul 2023, 09:55 AM

highlights

  • राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में दिया था बयान
  • राहुल गांधी की सांसदी जा चुकी है
  • मानहानी केस उनके राजनैतिक भविष्य तय करेगा

 

 

नई दिल्ली:

Rahul Defamation Case:  मोदी सरनेम को लेकर मानहानी के केस में राहुल गांधी की याचिका पर आज सर्वोच्च न्यायालय अपना फैसला सुना सकता है. इस केस की सुनवाई दो जजों की बेंच करेगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट के द्वारा सजा बरकार रखने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है.  इससे पहले सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस पर फैसला सुनाते हुए 2 साल की सजा का ऐलान किया था जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने सजा बरकरार रहने का फैसला सुनाया था. 

मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचुड की पीठ

राहुल गांधी के द्वारा मोदी सरनेम मामले पर गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई कर सकता है. इस केस की सुनवाई मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचुड के अगुवाई वाली पीठ करेगी. इस केस में न्यामूर्ति बी आर गवई एंव न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की बेंच सुनवाई कर सकती है. राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी केस की पैरवी कर रहे हैं. अभिषेक सिंघवी ने 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसे आपातकाल के आधार पर सुनवाई करने का आग्रह किया था. 

याचिका में राहुल का बयान

राहुल गांधी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अगर सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे अभिव्यक्ति की आजादी की मौत हो जाएगी. राहुल गांधी ने कहा है कि जो भारत में राजनैतिक माहौल है वो भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है. गांधी ने ये कहा है कि आपराधिक मानहानी के केस में अधिकम दो साल की सजा का प्रावधान है जो दी गई है ये अपने आप में अप्रत्यासित है. 

सुरत कोर्ट का फैसला

राहुल गांधी ने कर्नाटक के रैली में कहा था की सभी चोर मोदी सरनेम वाले क्यों होते हैं. इसके बाद इस पर केस दर्ज किया गया था. इस केस पर फैसला देते हुए सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 499 और 500 का दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी.