Quit India Movement Day: पीएम मोदी ने किया ट्वीट, कहा- भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण भारत छोड़ो
Quit India Movement Day: पीएम मोदी ने किया ट्वीट, कहा- भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण भारत छोड़ो
highlights
- भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ आज
- पीएम मोदी ने भारत छोड़े आंदोलन में शामिल लोगों को दी श्रद्धांजलि
- पीएम ने कहा- भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण भारत छोड़ो
नई दिल्ली:
Quit India Movement Day: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर वार-पलटवार जारी है. ऐसे में दल एक दूसरे पर बयानबाजी को लेकर कोई मौका भी नहीं छोड़ते हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला है. मौका था भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ का. इस दिन को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट किया. इस ट्वीट के जरिए उन्होंने एक बार फिर विपक्षी के आड़े हाथों लिया. पीएम मोदी ने कहा, भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण भारत छोड़ो.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लेने वालों को श्रद्धांजलि भी दी. उन्होंने महात्मा गांधी की ओर से शुरू किए गए इस मूवमेंट को याद करते हुए कहा कि अब भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण को भारत छोड़ना होगा. पूरे देश का एक ही स्वर है और सभी यही चाहते हैं. पीएम मोदी ने इस दौरान सीधे तो नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष पर तीखा हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि, बीजेपी जन मानस की आवाज है और देश में उन्हीं के मुताबिक भारत से इन तीन चीजों के छोड़ने से जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित कर रही है.
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Tributes to the greats who took part in the Quit India Movement. Under the leadership of Gandhi Ji, this Movement played a major role in freeing India from colonial rule. Today, India is saying in one voice:
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2023
Corruption Quit India.
Dynasty Quit India.
Appeasement Quit India. pic.twitter.com/w6acXBoNq1
ये पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार से लेकर वंशवाद और तुष्टिकरण का आरोप लगाया है. समय-समय पर वह विपक्ष को इन्हीं वजहों से आड़े हाथों लेते रहे हैं.
क्या है भारत छोड़ो आंदोलन
बता दें कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज हुआ था. ये आंदोलन अंग्रेजों की गुलामी से आजादी में एक मिल का पत्थर साबित हुआ. इस आंदोलन ने एक ऐसी आंधी का रूप लिया कि इसकी शुरुआत के महज पांच वर्ष में ही सेकड़ों वर्षों से देश पर राज कर रहे अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया. इस आंदोलन के पांच साल बाद 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया और अंग्रेज यहां से हमेशा के लिए चले गए.
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