Parliament Security Breach: आरोपियों के कब्जे से मिले पर्चे ने किया खुलासा, संसद की सुरक्षा में इसलिए लगाई थी सेंध!
Parliament Security Breach: सूत्रों के अनुसार पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वे 1929 में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान दिल्ली सेंट्रल असेंबली में बम फेंककर सरकार के कान खोलने जैसी क्रांतिकारी भगत सिंह जैसी घटना को अंजाम देना चाहते थे
New Delhi:
Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा में चूक मामले में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस को आरोपियों के कब्जे से मिले एक पर्चे ने काफी हद तक घटना की परत उतारनी शुरू कर दी हैं. मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का कहना है कि लोकसभा की सुरक्षा में सेंधमारी करने वाले आरोपी शहीद भगत सिंह का कृत्य सदन में दोहराना चाहते थे. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों के पास से एक पर्चा मिला है, जिसमें लिखा था...प्रधानमंत्री लापता हैं, उनको तलाशने वाले को स्विस बैंक से पैसा मिलेगा. उधर, सूत्रों का कहना है कि आरोपी शहीद भगत सिंह से प्रेरित थे और खुद को क्रांतिकारी समझ रहे थे.
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खुद का क्रांतिकारी समझ रहे थे आरोपी, दोहराना चाहते थे भगत सिंह जैसी घटना
सूत्रों के अनुसार पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वे 1929 में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान दिल्ली सेंट्रल असेंबली में बम फेंककर सरकार के कान खोलने जैसी क्रांतिकारी भगत सिंह जैसी घटना को अंजाम देना चाहते थे. यही वजह है कि आरोपियों ने संसद में धुआं बम और पर्चे फेंकने जैसी योजना बनाई. इसके लिए उन्होंने बाजार से तिरंगे भी खरीदे थे. पुलिस के शुरुआती जांच में भी आरोपियों के सोशल मीडिया पर भगत सिंह फैन क्लब पेज से जुड़े होने की जानकारी मिली थी. पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी लगभग डेढ़ साल पहले मैसूर में मिले थे. सागर को छोड़कर सभी लोग 10 दिसंबर को अपने-अपने राज्यों से राजधानी दिल्ली पहुंचे थे. इस दौरान वह इंडिया गेट के पार इकट्ठा हुए थे और आपस में रंगीन पटाखे आदि बांटे थे.
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पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ इन धाराओं में दर्ज किया मुकदमा
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी गुप्त तरीके से आपत्तिजनक वस्तुओं को संसदभवन के भीतर ले गए थे. आपको बता दें कि 13 दिसंबर को जब पूरा देश 22 साल पहले घटी लोकतंत्र के मंदिर पर आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के बलिदान को याद कर रहा था, तभी संसद के सुरक्षाकवच के चीरते हुए दो लोग संसदभवन के भीतर घुस गए.
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