Jammu and Kashmir : अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की सेहत बिगड़ी, घाटी में अलर्ट जारी
नई दिल्ली में सरकार के सूत्रों ने बताया कि गिलानी के स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर है लेकिन उनका स्वास्थ्य स्थिर है.
नई दिल्ली:
कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की तबीयत बिगड़ने की अफवाहों को लेकर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है. ऑल पार्टीज हुरियत कान्फ्रेंस ने मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) से एक बयान जारी करते हुए कहा कि अगर गिलानी अंतिम सांस लेते हैं तो सभी इमाम समेत लोग श्रीनगर स्थित ईदगाह में एकत्र हों. उधर, नई दिल्ली में सरकार के सूत्रों ने बताया कि गिलानी के स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर है लेकिन उनका स्वास्थ्य स्थिर है. हुर्रियत ने दो पृष्ठ के बयान में घोषणा की है कि गिलानी (90) ने हाल ही में अपनी इच्छा जाहिर की है कि उनको श्रीनगर ईदगाह स्थित मजारे शुहदा में दफनाया जाए.
इसके पहले अप्रैल 2019 में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस पर कानूनी शिकंजे के साथ इनकम टैक्स विभाग ने भी शिकंजा कस दिया था. इनकम टैक्स विभाग ने हुर्रियत के चेयरमैन और अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का दिल्ली स्थित आवास को सीज कर दिया था. गिलानी का यह आवास दिल्ली के मालवीय नगर स्थित खिड़की एक्सटेंशन में स्थित है. इस आवास में गिलानी के साथ ही उसके दामाद की भी हिस्सेदारी बताई जा रही है.
यह भी पढ़ें-चुनावों में हार के बाद न तो इस्तीफे की पेशकश की, न इस्तीफा मांगा गया : मनोज तिवारी
आयकर विभाग के अनुसार, अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी पर 1996-97 से लेकर 2001-2002 से लेकर 3.62 करोड़ से अधिक की देनदारी है. इससे पहले भी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. बता दें कि पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक की फोन पर बातचीत को लेकर उपजे विवाद के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत को उकसाने का काम किया था. अब शाह महमूद ने कश्मीर के कट्टर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से फोन पर बातचीत की थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले पाकिस्तान ने पिछले 4 दिनों में कश्मीर के मामलों में दोबारा हस्तक्षेप किया था. सूत्रों के मुताबिक शाह कुरैशी ने गिलानी से कश्मीर की स्थिति और मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों पर बातचीत की थी.
यह भी पढ़ें-केजरीवाल कैबिनेट में नहीं होगा बदलाव, पूर्व मंत्रियों पर फिर जताया भरोसा - सूत्र
इससे पहले शाह ने कश्मीरी अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक से इन्हीं मुद्दों पर बातचीत की थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान उच्चायुक्त को बुलाकर कड़ा विरोध जताया था और पाक को कश्मीर के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा था. बता दें कि कश्मीर घाटी में गिलानी एक प्रमुख अलगाववादी नेता हैं और कई दशकों से कश्मीर के अलग होने की आवाज उठाते रहे हैं. पिछले साल केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गए वार्ताकार (विशेष प्रतिनिधि) से उन्होंने बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Vastu Tips: दक्षिण दिशा में मुख करके पूजा करना शुभ या अशुभ? कहीं आप तो नहीं कर रहें ये गलती
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Surya Dev ki Aarti: रविवार के दिन जरूर पढ़ें सूर्यदेव की ये आरती, जीवन में आएगा बड़ा बदलाव!
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक