George Soros: मोदी-अडानी पर जहर उगलने वाले जॉर्ज सोरोस पर BJP-कांग्रेस का हमला, जानें किसने क्या कहा
George Soros : देश में अमेरिका के स्टॉक ट्रेडर और हंगरी के मूल निवासी जॉर्ज सोरोस के बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ने एक साथ जॉर्ज सोरोस द्वारा गौतम अडानी पर दिए गए बयान का पुरजोर विरोध किया.
नई दिल्ली:
George Soros : देश में अमेरिका के स्टॉक ट्रेडर और हंगरी के मूल निवासी जॉर्ज सोरोस (George Soros) के बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ने एक साथ जॉर्ज सोरोस द्वारा गौतम अडानी पर दिए गए बयान का पुरजोर विरोध किया है. केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने सवाल उठाते हुए कहा कि जॉर्ज सोरोस पिछले काफी समय से भारत के विरोध में एजेंडा चला रहे हैं. वहीं, कांग्रेस ने भी आपत्ति जताई है.
अमेरिका के स्टॉक ट्रेडर जॉर्ज सोरोस (George Soros) ने गौतम अडानी की कंपनियों के खिलाफ हिंडनबर्ग की आई रिपोर्ट पर बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गौतम अडानी का काफी नजदीकी संबंध है. एक-दूसरे के लिए मोदी-अडानी जरूरी हो गए हैं. उन्होंने आगे जहर उगलते हुए कहा कि भारत पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और सीएए का विरोध किया है. इस पर भारतीय जनता पार्टी ने जॉर्ज सोरोस की कड़ी आलोचना की है.
जानें बीजेपी ने क्या कहा
भाजपा की ओर से स्मृति इरानी ने जॉर्ज सोरोस (George Soros) के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए कहा कि बैंक ऑफ इंडिया को पूरी तरह से बर्बाद करने वाला शख्स, जो आर्थिक युद्ध अपराधी घोषित है, वो भारत की लोकतंत्र को तोड़ने का सपना देख रहा है. कई देशों के खिलाफ जॉर्ज सोरोस शर्तें लगाते हैं और अब वो भारतीय लोकतंत्र की प्रक्रियाओं को बाधित करने की दुर्भावना जाहिर कर चुके हैं.
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जानें कांग्रेस की क्या आई प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने जॉर्ज सोरोस (George Soros) के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि संसद या सड़क पर गौतम अडानी को लेकर क्या पूछा जाएगा, यह तो हम निर्धारित करेंगे, ऐसे मामले से जॉर्ज सोरोस को एकदम दूर रहना चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत में अडानी घोटाले के बाद लोकतांत्रिक परंपराओं का पुनरुत्थान हो रहा है या नहीं, यह विपक्ष, कांग्रेस और चुनावी प्रक्रिया पर निर्भर है, इस मामले से जॉर्ज सोरोस का कोई मतलब नहीं है. नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि हमारे चुनाव परिणाम उनके जैसे लोग तय नहीं कर सकते हैं.
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